Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2017 · 2 min read

मन : हाइकु

प्रदीप कुमार दाश “दीपक”

मन : हाइकु

01. महका मन
हाइकु की सुगंध
बाँचे पवन ।

02. मन फकीर
चित्रोत्पला के तीर
रे ! क्यों अधीर ?

03. प्रथम वर्षा
सौंधी महकी धरा
मन हर्षाया ।

04. बूँदें बरसीं
तन व मन गीले
प्रीत जगातीं ।

05. मन गुलाब
झुलसाती धूप ने
जलाए ख्वाब ।

06. मन रावण
वासना की कुटिया
सिया हरण ।

07. मन बहके
फूटी स्वप्न कलियाँ
टेसू महके ।

08. मन उल्लास
बौराया है फागुन
गा उठा फाग ।

09. प्रेम का रंग
लग हर्षाया तन
फगवा मन ।

10. होली के रंग
प्रेम से पगे मन
होली उमंग ।

11. तेरी छुवन
मन बगर गया
मानो बसंत ।

12. पंछी का मन
कँपकँपाता हिम
स्तब्ध जीवन ।

13. मन की धुन
बचपन की बात
ले डाली सुन ।

14. मीरा का मन
अनुराग से पगा
कनु का संग ।

15. पूष की रात
हल्कू जाएगा खेत
मन उदास ।

16. होरी का मन
गोबर औ धनिया
रहें प्रसन्न ।

17. गेहूँ की बालि
झूमती गीत गाती
मन हर्षाती ।

18. फुली सरसों
पियराने लगे हैं
मन के खेत ।

19. दीप जलते
रोशन कर जाते
मन हमारे ।

20. घना अंधेरा
दीप जलता रहा
मन अकेला ।

21. पत्ते झरते
ईश्वर की शरण में
मन रमाते ।

22. माटी का तन
तप कर निखरा
कंचन मन ।

23. घर थे कच्चे
तब की बात और
मन थे सच्चे ।

24. मन के भेद
मिटाएँ तो मिटेंगे
मत के भेद ।

25. मयारु मन
लोक गीत चंदन
माटी वंदन ।

26. बाँसों के वन
रिलो में झूम उठे
लोगों के मन ।

27. मन क्या जुड़े
जुड़ गये दिल भी
हृदय जुड़े ।

28. घुँगरु बना
नाचता रहा मन
छन.. छनाया ।

29. आदमी-पंक्ति
मन एक हाइकु
छंद प्रकृति ।

30. धूप को धुने
मन मानो बादल
गुन गुनाए ।

31. काँच सा मन
ह.ह. तोड़ ही दिया
धूप निर्मम ।

32. तनहा मन
प्रकृति की गोद में
हुआ सानंद ।

33. टूटी पत्तियाँ
कैसे संभले मन
रूठी डालियाँ ।

34. मन व्यथित
भाव निर्झर हुए
निकली पीर ।

35. भव सरिता
मन बना नाविक
खे रहा नाव ।

36. मृग नादान
कस्तूरी की तलाश
गँवाया प्राण ।

□ प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
साहित्य प्रसार केन्द्र साँकरा
जिला – रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
   मो.नं. 7828104111

Language: Hindi
1349 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Aaj samna khud se kuch yun hua aankho m aanshu thy aaina ru-
Aaj samna khud se kuch yun hua aankho m aanshu thy aaina ru-
Sangeeta Sangeeta
काव्य में सत्य, शिव और सौंदर्य
काव्य में सत्य, शिव और सौंदर्य
कवि रमेशराज
*मन  में  पर्वत  सी पीर है*
*मन में पर्वत सी पीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक नयी रीत
एक नयी रीत
Harish Chandra Pande
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
""मेरे गुरु की ही कृपा है कि_
Rajesh vyas
हाड़-माँस का है सुनो, डॉक्टर है इंसान (कुंडलिया)
हाड़-माँस का है सुनो, डॉक्टर है इंसान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
राम - दीपक नीलपदम्
राम - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
DrLakshman Jha Parimal
💐प्रेम कौतुक-240💐
💐प्रेम कौतुक-240💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ओढ़े  के  भा  पहिने  के, तनिका ना सहूर बा।
ओढ़े के भा पहिने के, तनिका ना सहूर बा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
Neelam Sharma
आसान होते संवाद मेरे,
आसान होते संवाद मेरे,
Swara Kumari arya
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
शिव प्रताप लोधी
किसी गैर के पल्लू से बंधी चवन्नी को सिक्का समझना मूर्खता होत
किसी गैर के पल्लू से बंधी चवन्नी को सिक्का समझना मूर्खता होत
विमला महरिया मौज
लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष )
लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"पैमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Expectation is the
Expectation is the
Shyam Sundar Subramanian
श्री श्रीचैतन्य महाप्रभु
श्री श्रीचैतन्य महाप्रभु
Pravesh Shinde
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
VINOD CHAUHAN
■ जागो या फिर भागो...!!
■ जागो या फिर भागो...!!
*Author प्रणय प्रभात*
2790. *पूर्णिका*
2790. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
Sanjay ' शून्य'
फ्लाइंग किस और धूम्रपान
फ्लाइंग किस और धूम्रपान
Dr. Harvinder Singh Bakshi
शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana जिनका जीवन समर्पित है जनसेवा के लिए आखिर कौन है शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana ?
शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana जिनका जीवन समर्पित है जनसेवा के लिए आखिर कौन है शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana ?
Bramhastra sahityapedia
Loading...