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1 Sep 2016 · 1 min read

मदहोश हैं तेरी बातों में बेहोश हम नहीं!

वक़्त थम सा गया साँसों से बेचैनी चुराकर.,
तेरी आँखों में खोकर जिंदगी को होश अब नहीं

करतें हैं कोशिश गुजर जाने की लम्हे,
मदहोश हैं तेरी बातों में बेहोश हम नहीं!

1 Like · 1 Comment · 489 Views
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