Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2017 · 1 min read

*** मत, भेद रखिए ***

मतभेद रखिए मन भेद ना रखिए ज़िगर में

जुदा हर शख्स है फिर भी रखिए ज़िगर में

नज़र प्यार की रखिए जाइये ना फ़िगर पे

मत,भेद रखिए इंसां के नाजुक से ज़िगर में ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 242 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
शिकायत नही तू शुक्रिया कर
शिकायत नही तू शुक्रिया कर
Surya Barman
*रोते-रोते जा रहे, दुनिया से सब लोग (कुंडलिया)*
*रोते-रोते जा रहे, दुनिया से सब लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोस्ती
दोस्ती
लक्ष्मी सिंह
प्यारा सा गांव
प्यारा सा गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"खामोशी की गहराईयों में"
Pushpraj Anant
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
Sidhartha Mishra
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
Rashmi Ranjan
गुरू शिष्य का संबन्ध
गुरू शिष्य का संबन्ध
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
बालकनी में चार कबूतर बहुत प्यार से रहते थे
बालकनी में चार कबूतर बहुत प्यार से रहते थे
Dr Archana Gupta
2316.पूर्णिका
2316.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
■ पूरे है आसार...
■ पूरे है आसार...
*Author प्रणय प्रभात*
बुद्ध धम्म में चलें
बुद्ध धम्म में चलें
Buddha Prakash
ख्वाहिशों के कारवां में
ख्वाहिशों के कारवां में
Satish Srijan
बहुत हैं!
बहुत हैं!
Srishty Bansal
हे आशुतोष !
हे आशुतोष !
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Winner
Winner
Paras Nath Jha
प्यारी-प्यारी सी पुस्तक
प्यारी-प्यारी सी पुस्तक
SHAMA PARVEEN
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
Harminder Kaur
ह्रदय
ह्रदय
Monika Verma
जुनून
जुनून
नवीन जोशी 'नवल'
आईने से बस ये ही बात करता हूँ,
आईने से बस ये ही बात करता हूँ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ये  भी  क्या  कमाल  हो  गया
ये भी क्या कमाल हो गया
shabina. Naaz
तेरी वापसी के सवाल पर, ख़ामोशी भी खामोश हो जाती है।
तेरी वापसी के सवाल पर, ख़ामोशी भी खामोश हो जाती है।
Manisha Manjari
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
Ranjeet kumar patre
सच ज़िंदगी के रंगमंच के साथ हैं
सच ज़िंदगी के रंगमंच के साथ हैं
Neeraj Agarwal
अपने दिल से
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
Loading...