==* मछली थी फोकट की *==
(मुंबई में घटी सड़क दुर्घटना)
मछली थी फोकटकी
जान की ना कीमत थी
भरी सड़क पर कोई मरा
देखने की ना फुरसत थी
बिखरी पड़ी थी गाड़ियां
सड़क खून से सनी थी
एक लाश बाजू में पड़ी
पर मछली अधमरी थी
व्वा रे इंसान तेरी कहानी
इंसानियत मर रही थी
घायलों को कोण देखता
तुझे खाने की पड़ी थी
कल मरेगा तू भी ऐसे ही
बेबस पर क्या बीती थी
देख टिव्ही में अपनी सूरत
सूरत वो जैसी दिखती थी
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०