मंजिले यू ही नही मिला करती
??यू ही नहीं मिला करती??
कश्तियां यू ही पार नहीं लगा करती ,,
मंजिले यू ही नही मिला करती,,
हथेली पर जान रखनी पड़ती है,,
मुश्किले यू ही हटा नहीं करती।।
गुन्हाओ से करो तुम तौबा,,
तारीफे यू ही मिला नहीं करती।।
मानो सबको जमीदोज होना है,,
मौत रिश्वत नहीं लिया करती।।
कोशिशो का सिलसिला जारी रखना,,
पहली जीत यू नहीं मिला करती।।
कोई कहे तो तुम सम्भल जाओ,,
ठोकरे कहके नहीं लगा करती।।
मनु खुद को वाजिब बनाइये पहले,,
बड़ी शोहरत यू ही नहीं मिला करती।।
?मानक लाल मनु✍
?सरस्वती साहित्य परिषद साली चौका रोड?