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27 Mar 2017 · 1 min read

भोला बचपन

” भोला बचपन ”
———————

खेल रहा है…..
भोला बचपन !
सागर के एहसासों से |
निर्मित करते
एक घरौंदा !
अपने कोमल हाथों से |
उम्र है छोटी
सोच बड़ी हैं !
लगता इनकी बातों से |
लेकर कर में
सौंधी मिट्टी !
जोड़ रहे ख्यालातों से |
——————————–
— डॉ० प्रदीप कुमार “दीप”

Language: Hindi
513 Views
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