Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2016 · 1 min read

भूख चली पीहर

सूनी आँखों में
सपनों की
अब सौगात नहीं
चीख,
तल्खियों वाले मौसम
हैं,बरसात नहीं।

आँख मिचौली
करते करते
जीवन बीत गया
सुख-दुःख के कोरे
पन्नों पर
सावन रीत गया

द्वार देहरी
सुबह साँझ सब
लगते हैं रूठे
दिन का
थोड़ा दर्द समझती
ऐसी रात नहीं।

शून्य क्षितिज के
अर्थ लगाते
मौसम गुजर गए
बूँदों की
परिभाषा गढ़ते
बादल बिखर गए

रेत भरे
आँचल में अपने
सावन की बेटी
सूखे खेतों से कहती है
अब खैरात नहीं।

दीवारों के
कान हो गए
अवचेतन-बहरे
बात करें
किससे हम मिलकर
दर्द हुए गहरे

चीख-चीख कर
मरी पिपासा
भूख चली पीहर
प्रत्याशा हरियर होने की
पर, ज़ज़्बात नहीं।
  ***
अवनीश त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Comments · 266 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम्हें रूठना आता है मैं मनाना सीख लूँगा,
तुम्हें रूठना आता है मैं मनाना सीख लूँगा,
pravin sharma
ग़ज़ल - फितरतों का ढेर
ग़ज़ल - फितरतों का ढेर
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
सत्य और सत्ता
सत्य और सत्ता
विजय कुमार अग्रवाल
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
Rj Anand Prajapati
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका  आकार बदल  जाता ह
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका आकार बदल जाता ह
Jitendra kumar
जीवन में ईमानदारी, सहजता और सकारात्मक विचार कभीं मत छोड़िए य
जीवन में ईमानदारी, सहजता और सकारात्मक विचार कभीं मत छोड़िए य
Damodar Virmal | दामोदर विरमाल
माँ
माँ
Kavita Chouhan
हम हिंदुओ का ही हदय
हम हिंदुओ का ही हदय
ओनिका सेतिया 'अनु '
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
14, मायका
14, मायका
Dr Shweta sood
*तुम्हारे साथ में क्या खूब,अपनी इन दिनों यारी (भक्ति गीत)*
*तुम्हारे साथ में क्या खूब,अपनी इन दिनों यारी (भक्ति गीत)*
Ravi Prakash
वीर तुम बढ़े चलो!
वीर तुम बढ़े चलो!
Divya Mishra
अगर आप
अगर आप
Dr fauzia Naseem shad
चिड़िया चली गगन आंकने
चिड़िया चली गगन आंकने
AMRESH KUMAR VERMA
तेवर
तेवर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
#एक_ही_तमन्ना
#एक_ही_तमन्ना
*Author प्रणय प्रभात*
श्री श्रीचैतन्य महाप्रभु
श्री श्रीचैतन्य महाप्रभु
Pravesh Shinde
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
Sanjay ' शून्य'
दुआ कबूल नहीं हुई है दर बदलते हुए
दुआ कबूल नहीं हुई है दर बदलते हुए
कवि दीपक बवेजा
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
gurudeenverma198
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
सार्थक मंथन
सार्थक मंथन
Shyam Sundar Subramanian
कोशिश कर रहा हूँ मैं,
कोशिश कर रहा हूँ मैं,
Dr. Man Mohan Krishna
वृक्ष बड़े उपकारी होते हैं,
वृक्ष बड़े उपकारी होते हैं,
अनूप अम्बर
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
Vishal babu (vishu)
गुनो सार जीवन का...
गुनो सार जीवन का...
डॉ.सीमा अग्रवाल
23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये गीत और ग़ज़ल ही मेरे बाद रहेंगे,
ये गीत और ग़ज़ल ही मेरे बाद रहेंगे,
सत्य कुमार प्रेमी
आखों में नमी की कमी नहीं
आखों में नमी की कमी नहीं
goutam shaw
Loading...