Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2017 · 1 min read

भाई जी

भाई जी
2222 2222 222

मरते वो इंसान जहां में भाई जी।।
रखते ना पहचान जहां में भाई जी।।

तोड़ेंगे जंजीर जहर ही जाति’ है
अपना है अरमान जहां में भाई जी।।

भारतमाँ सबको जां से भी प्यारी हो,
कर देना बलिदान जहां में भाई जी ।।

विश्व पटल पर अब ये परचम बटवा दो
इस माटी में जान जहां में भाई जी।।

समता की बौछार उड़ा दो दुनिया में,
सूर, ‘सरल’, रसखान जहां में भाई जी।।

-साहेबलाल ‘सरल’

481 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
Mukesh Kumar Sonkar
■नाम परिवर्तन■
■नाम परिवर्तन■
*Author प्रणय प्रभात*
* नाम रुकने का नहीं *
* नाम रुकने का नहीं *
surenderpal vaidya
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
ruby kumari
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
श्याम सिंह बिष्ट
लव मैरिजvsअरेंज मैरिज
लव मैरिजvsअरेंज मैरिज
Satish Srijan
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
विदंबना
विदंबना
Bodhisatva kastooriya
कलम की वेदना (गीत)
कलम की वेदना (गीत)
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
बचा ले मुझे🙏🙏
बचा ले मुझे🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2371.पूर्णिका
2371.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
अब उनकी आँखों में वो बात कहाँ,
अब उनकी आँखों में वो बात कहाँ,
Shreedhar
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
कवि दीपक बवेजा
काश आज चंद्रमा से मुलाकाकत हो जाती!
काश आज चंद्रमा से मुलाकाकत हो जाती!
पूर्वार्थ
गायब हुआ तिरंगा
गायब हुआ तिरंगा
आर एस आघात
मैं उड़ सकती
मैं उड़ सकती
Surya Barman
बुंदेली दोहा- पैचान१
बुंदेली दोहा- पैचान१
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ये नोनी के दाई
ये नोनी के दाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
।। बुलबुले की भांति हैं ।।
।। बुलबुले की भांति हैं ।।
Aryan Raj
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
Sanjay ' शून्य'
☄️ चयन प्रकिर्या ☄️
☄️ चयन प्रकिर्या ☄️
Dr Manju Saini
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
Anand Kumar
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*
*"परछाई"*
Shashi kala vyas
*गृहस्थ संत स्वर्गीय बृजवासी लाल भाई साहब*
*गृहस्थ संत स्वर्गीय बृजवासी लाल भाई साहब*
Ravi Prakash
आप हरते हो संताप
आप हरते हो संताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...