Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2017 · 1 min read

भाई जी

भाई जी
2222 2222 222

मरते वो इंसान जहां में भाई जी।।
रखते ना पहचान जहां में भाई जी।।

तोड़ेंगे जंजीर जहर ही जाति’ है
अपना है अरमान जहां में भाई जी।।

भारतमाँ सबको जां से भी प्यारी हो,
कर देना बलिदान जहां में भाई जी ।।

विश्व पटल पर अब ये परचम बटवा दो
इस माटी में जान जहां में भाई जी।।

समता की बौछार उड़ा दो दुनिया में,
सूर, ‘सरल’, रसखान जहां में भाई जी।।

-साहेबलाल ‘सरल’

493 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बार -बार दिल हुस्न की ,
बार -बार दिल हुस्न की ,
sushil sarna
होली का त्यौहार (बाल कविता)
होली का त्यौहार (बाल कविता)
Ravi Prakash
कृषक
कृषक
Shaily
सत्यमेव जयते
सत्यमेव जयते
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
हमें जीना सिखा रहे थे।
हमें जीना सिखा रहे थे।
Buddha Prakash
वो शिकायत भी मुझसे करता है
वो शिकायत भी मुझसे करता है
Shweta Soni
तुम तो ठहरे परदेशी
तुम तो ठहरे परदेशी
विशाल शुक्ल
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
Paras Nath Jha
राम तेरी माया
राम तेरी माया
Swami Ganganiya
अहसास
अहसास
Dr Parveen Thakur
■ अमर बलिदानी तात्या टोपे
■ अमर बलिदानी तात्या टोपे
*Author प्रणय प्रभात*
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
हारता वो है जो शिकायत
हारता वो है जो शिकायत
नेताम आर सी
हर पल ये जिंदगी भी कोई खास नहीं होती ।
हर पल ये जिंदगी भी कोई खास नहीं होती ।
Phool gufran
ज़िंदगी को जीना है तो याद रख,
ज़िंदगी को जीना है तो याद रख,
Vandna Thakur
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरी बात अलग
मेरी बात अलग
Surinder blackpen
उसकी अदा
उसकी अदा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नन्ही परी चिया
नन्ही परी चिया
Dr Archana Gupta
2581.पूर्णिका
2581.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
स्त्रियों में ईश्वर, स्त्रियों का ताड़न
स्त्रियों में ईश्वर, स्त्रियों का ताड़न
Dr MusafiR BaithA
फूल
फूल
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
खेल और भावना
खेल और भावना
Mahender Singh
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
Dr fauzia Naseem shad
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
कवि रमेशराज
ओम् के दोहे
ओम् के दोहे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सिंदूर..
सिंदूर..
Ranjeet kumar patre
Loading...