Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2017 · 1 min read

भगवान परशुराम जयंती पर रचना

जय भगवान परशुराम

पितृ भगत परशुराम जी , विष्णु के छठे अवतार हुए ।
पिता जमदग्नि माँ रेणुका के,पांचवें ऋषिकुमार हुए ।। टेक
१ त्रेतायुग मैं भृगु कुल के , घर मैं होया उजाला
शुक्ल पक्ष की बैशाख तीज नै , जनम्या फरसे आला
मात-पिता नै बड़े चाव से , लाड लडा कै पाला
ऋचीक मुनि और कश्यप जी नै , दिया ज्ञान निराला
सारंग धनुष और अविनाशी मन्त्र , गुरु देण नै तैयार हुए ।।
२ जमदग्नि नै एक समय मैं , हवन करण की धारी थी
गंगाजल गई लेण रेणूका , वा घड़ी बीतती जार्ही थी
क्रोध के कारण जमदग्नि नै , मन मैं गलत विचारी थी 
पिता आज्ञा तैं परशुराम नै , माँ की गरदन तारी थी
वर मैं जीवन मांग्या उनका , हटकै फेर दीदार हुए ।।
३ कपिला गाँ के कारण उसनै , सहन्स्रबाहु मार दिया
सहन्स्रबाहु के बेट्यां नै सिर , जमदग्नि का तार दिया
क्रोध मैं भरकै परशुराम नै , खपा सब परिवार दिया
पांच तला भरे खून तैँ , कर दुश्मन का संहार दिया
इक्कीस बार मिटा दिए छत्री , ऐसे बली अपार हुए ।।
४ गरीबों का था प्यारा वो , नारी का सम्मान कऱ्या
भीष्म , द्रोण और कर्ण जिस्यां नै , गुरु रूप मैं ध्यान कऱ्या
जाति श्रेष्ठ ,ब्राह्मण जाति , वेदों नै व्याख्यान कऱ्या
लाखण माजरे आले नै परशुराम गुणगान कऱ्या
कपीन्द्र शर्मा अपणे गुरु के , शिष्य ताबेदार हुए ।।

लेखक – कपीन्द्र शर्मा
©®kapinder sharma

Language: Hindi
1616 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जागे हैं देर तक
जागे हैं देर तक
Sampada
करी लाडू
करी लाडू
Ranjeet kumar patre
2950.*पूर्णिका*
2950.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इंसान
इंसान
विजय कुमार अग्रवाल
जिस तरह फूल अपनी खुशबू नहीं छोड सकता
जिस तरह फूल अपनी खुशबू नहीं छोड सकता
shabina. Naaz
क्या पता...... ?
क्या पता...... ?
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
Sanjay ' शून्य'
माघी पूर्णिमा
माघी पूर्णिमा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कबीरपंथ से कबीर ही गायब / मुसाफ़िर बैठा
कबीरपंथ से कबीर ही गायब / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
कोयल कूके
कोयल कूके
Vindhya Prakash Mishra
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
Jatashankar Prajapati
बाल कविता :भीगी बिल्ली
बाल कविता :भीगी बिल्ली
Ravi Prakash
चाय - दोस्ती
चाय - दोस्ती
Kanchan Khanna
" मेरा राज मेरा भगवान है "
Dr Meenu Poonia
रात एक खिड़की है
रात एक खिड़की है
Surinder blackpen
सांस
सांस
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
लक्की सिंह चौहान
😊अपडेट😊
😊अपडेट😊
*Author प्रणय प्रभात*
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
Pramila sultan
चंद किरणे चांद की चंचल कर गई
चंद किरणे चांद की चंचल कर गई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
Keshav kishor Kumar
हम कितने आजाद
हम कितने आजाद
लक्ष्मी सिंह
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
कवि रमेशराज
तुम्हारा इक ख्याल ही काफ़ी है
तुम्हारा इक ख्याल ही काफ़ी है
Aarti sirsat
सत्य = सत ( सच) यह
सत्य = सत ( सच) यह
डॉ० रोहित कौशिक
जस का तस / (नवगीत)
जस का तस / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
Harminder Kaur
Loading...