**बोल प्यारे बोल**
**बोल प्यारे बोल**
*****************
दुराचार या आनाचार
या फैला हो भ्रष्टाचार
घूंट – घूंट कर न जीना प्यारे
मुख अपना तूं खोल,
बोल प्यारे बोल।
कर चोरी या घूसखोरी
सरेआम सिनाजोरी
बोल सभी पर अब तूं प्यारे
चूप्पी अपना तोड़
बोल प्यारे बोल।
बलात्कार या दुस्प्रचार
नारी सहती अत्याचार
इनसे कभी भी मुख ना मोड़ो
इनको दो तुम फोड़
बोल प्यारे बोल।
अपनी मिट्टी अपना भेष
सुन्दर अपना भारत देश,
इस पर गंदी नजर जो डाले
दो आंखे वो फोड़,
बोल प्यारे बोल।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
9560335952