Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2016 · 1 min read

बेदर्दो को क्या पता…..

दर्दे दिल में एक बात तो
खास होती है,
सच्चाई से रूबरू
बे हिसाब होती है,
बे दर्दो को क्या पता
सच का स्वाद
सच ही तो खुदा है,
दर्दे दिल में तो बसता खुदा है
बेदर्दो को क्या पता
सच क्या है?
खुदा क्या है?
दर्दे दिल में तो बसता खुदा है…

●●●दिनेश शर्मा●●●

Language: Hindi
450 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
Basant Bhagawan Roy
मंजिलें
मंजिलें
Santosh Shrivastava
कौसानी की सैर
कौसानी की सैर
नवीन जोशी 'नवल'
आईना
आईना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
"सदियाँ गुजर गई"
Dr. Kishan tandon kranti
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
" लहर लहर लहराई तिरंगा "
Chunnu Lal Gupta
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
Swami Ganganiya
ऐसा क्यूं है??
ऐसा क्यूं है??
Kanchan Alok Malu
*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
प्रेम
प्रेम
Mamta Rani
#सत्यकथा
#सत्यकथा
*Author प्रणय प्रभात*
अनपढ़ दिखे समाज, बोलिए क्या स्वतंत्र हम
अनपढ़ दिखे समाज, बोलिए क्या स्वतंत्र हम
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शिव का सरासन  तोड़  रक्षक हैं  बने  श्रित मान की।
शिव का सरासन तोड़ रक्षक हैं बने श्रित मान की।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
🙏🏻 अभी मैं बच्चा हूं🙏🏻
🙏🏻 अभी मैं बच्चा हूं🙏🏻
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
आवाजें
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
3090.*पूर्णिका*
3090.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो..
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो..
कवि दीपक बवेजा
उदासीनता
उदासीनता
Shyam Sundar Subramanian
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
ख़त आया तो यूँ लगता था,
ख़त आया तो यूँ लगता था,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तेरे संग ये जिंदगी बिताने का इरादा था।
तेरे संग ये जिंदगी बिताने का इरादा था।
Surinder blackpen
क्षणिकाए - व्यंग्य
क्षणिकाए - व्यंग्य
Sandeep Pande
जिंदा होने का सबूत
जिंदा होने का सबूत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अपने तो अपने होते हैं
अपने तो अपने होते हैं
Harminder Kaur
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
gurudeenverma198
Loading...