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11 Mar 2017 · 1 min read

( बेटी )

( बेटी )

क्या मेरा हैं कसूर
तू बता दे मेरी माँ
कही गड्ढे में कही नाली में
क्या यही हैं मेरी पहचान माँ

मेरी दुनिया इतनी वीरानी क्यों हैं माँ
कही बोरी में कही कचरे में
क्या यही भारत के
वीरो की पहचान हैं माँ

इतनी घृणित हूँ तो जन्म देती हैं क्यो
बेटा ही पहचान हैं तो
बेटी कि जरुरत ही क्या
शान – बान बेटा तो बेटी हैं क्या

जब जरूरत ही नही मेरी तो
गर्भ में ही कर लो मेरी पहचान
मैं हूँ बेटी तो क्या हैं मेरा कसूर
हैं तुम्हें सौगन्ध ना ढुढना बेटे के लिए बहू

– महेश गुप्ता जौनपुरी
मोबाइल – 9918845864

Language: Hindi
587 Views
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