Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2017 · 1 min read

बेटी-छंद मुक्त कविता

घर
परिवार
माता-पिता
दो-दो घरों की
रौनक
होती है बेटी.

समाज की शान
देश का उत्थान
परिवार का अभिमान
ख़ुद में खानदान
धरती-आससमान
कुटुंब की आन
घर की पहिचान
श्रृष्टि का अवदान
होती है बेटी.

आँखों का नूर
रिवाज-दस्तूर
सबकी ख़ुशी में खुश
सबके ग़मों से चूर
स्वार्थ से दूर
अन्याय पर क्रूर
समाज में मजबूर
होती है बेटी.

रोको ये सितम
बढाओ मत तम

करो नहीं वहम
छोडो अब अहम
आने दो उसको
जीने दो उसको
बेटों से नहीं कम
होती है बेटी.

संसार नहीं होगा
संस्कार नहीं होगा
बिना बेटियों के
उद्धार नहीं होगा
बेटी के बिना श्रृष्टि नहीं होती
बेटी के बिना दृष्टि नहीं होती
बेटी के बिना प्रकृति नहीं होती
बेटी में गन्दी प्रवृत्ति नहीं होती
पर्याय सही मान का
होती है बेटी.
@डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’
अधिवक्ता/साहित्यकार
सर्वाधिकार सुरक्षित

Language: Hindi
722 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
सत्य कुमार प्रेमी
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
Ashok deep
नेक मनाओ
नेक मनाओ
Ghanshyam Poddar
आलस्य का शिकार
आलस्य का शिकार
Paras Nath Jha
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अजी सुनते हो मेरे फ्रिज में टमाटर भी है !
अजी सुनते हो मेरे फ्रिज में टमाटर भी है !
Anand Kumar
“यादों के झरोखे से”
“यादों के झरोखे से”
पंकज कुमार कर्ण
मैं उसी पल मर जाऊंगा
मैं उसी पल मर जाऊंगा
श्याम सिंह बिष्ट
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
Neelam Sharma
2716.*पूर्णिका*
2716.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
अनिल कुमार
बेपनाह थी मोहब्बत, गर मुकाम मिल जाते
बेपनाह थी मोहब्बत, गर मुकाम मिल जाते
Aditya Prakash
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
💐प्रेम कौतुक-269💐
💐प्रेम कौतुक-269💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
Jay Dewangan
भगवान
भगवान
Anil chobisa
हिन्दी दोहा बिषय -हिंदी
हिन्दी दोहा बिषय -हिंदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
National Cancer Day
National Cancer Day
Tushar Jagawat
जिस आँगन में बिटिया चहके।
जिस आँगन में बिटिया चहके।
लक्ष्मी सिंह
वक़्त आने पर, बेमुरव्वत निकले,
वक़्त आने पर, बेमुरव्वत निकले,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
आचार, विचार, व्यवहार और विधि एक समान हैं तो रिश्ते जीवन से श
आचार, विचार, व्यवहार और विधि एक समान हैं तो रिश्ते जीवन से श
विमला महरिया मौज
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
■
■ "शिक्षा" और "दीक्षा" का अंतर भी समझ लो महाप्रभुओं!!
*Author प्रणय प्रभात*
आजादी का अमृतमहोत्सव एव गोरखपुर
आजादी का अमृतमहोत्सव एव गोरखपुर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मां की प्रतिष्ठा
मां की प्रतिष्ठा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* प्रेम पथ पर *
* प्रेम पथ पर *
surenderpal vaidya
ਮੈਂ ਕਿਹਾ ਸੀ ਉਹਨੂੰ
ਮੈਂ ਕਿਹਾ ਸੀ ਉਹਨੂੰ
Surinder blackpen
कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
कर्मयोगी संत शिरोमणि गाडगे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
Phool gufran
Loading...