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7 Jun 2016 · 1 min read

*बेटी की विदाई*

बसंती ओढ़ कर चूनर सजी ससुराल जाती है
कली बन फूल गुलशन को सुगंधी से सजाती है
सभी का मन लुभाती सी सुहानी हर अदा इसकी
गमों का दौर जब आता खुशी के गीत गाती है
धर्मेन्द्र अरोड़ा

Language: Hindi
518 Views
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