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9 Jan 2017 · 1 min read

बेटियां

नव प्रभात की लालिमा हैं बेटियां,
मां-बाप के लिए वरदान हैं बेटियां।
सूनी अंगनाई की बहार हैं बेटियां,
कलरव करती मीठा गान हैं बेटियां।
पराई नहीं, स्वाभिमान हैं बेटियां,
बेटे जब मुंह फेर लेते हैं,तो जीने का सहारा हैं बेटियां।
नव प्रभात की लालिमा हैं बेटियां,
मां-बाप के लिए वरदान हैं बेटियां।
संवारों आज और कल इनका तुम,
बेटों से भी ज्यादा नाम ऊंचा कराएंगी बेटियां।
त्याग कर अपना झूठा दंभ, साक्षर करो अपनी बेटियां।
न करो अंत इनके जीवन का, लक्ष्मी स्वरूप हैं बेटियां।
न होंगी बेटियां तो कैसे चलेगा ये सृष्टि चक्र,
अंत हो जाएगा संपूर्ण सृष्टि का न होंगी बेटियां जब।
करो सम्मान दो आदर-सत्कार इनको भरपूर,
ईश्वर की अनुपम रचना का स्वागत करो खुशी से तुम।
ईश्वर की अनुपम रचना का स्वागत करो खुशी से तुम।।

Language: Hindi
417 Views
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