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18 Jan 2017 · 1 min read

बेटियां

मेरी गुड़िया मेरी बिटिया मेरी अनमोल रतन
तू ही तो शुकुं मेरा है तुझसे दुखों का समन

तू ही दो कुलों की रखती है लाज निभाती भी
तुझसे रोशन है हमारे घर का महकता चमन

हमारी आशा हमारे सपने तू ही हमारा भविष्य
तुझसे ही तो चहकता ये है अपने घर का अंगन

तेरी खुशियाँ, तेरे सपने,तेरे ख्वाब पुरे हों सभी
तू जो हंसती है तो हंसता है यह सारा गगन

तू ही लक्ष्मी,तू ही दुर्गा,तू ही सीता,मीरा भी तू
बेटी तू ही देवी का रूप तू ही है सुख का सदन

बिन तेरे परिवार अधूरा सूना तुझ बिन जीवन
नांदा हैं जो लिंग परीक्षण का करते हैं चयन

पंख अरमानों के लगें भरे तू सदा ऊँची उड़ान
तेरी खुशियों से ही तो दमकते हैं मेरे नयन

जीवन में सदा आये बहार,हों खुशियाँ अपार
रहे”संतोष” बहे सरिता सा सदा पावन अमन

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