Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2017 · 1 min read

* बेटियाँ *

बेटियाँ तो हैं कली सी डाल से इनको न तोड़ ।
हैं बहुत नाजुक सभी ये भावनायें मत मरोड़ ।।
सृष्टि की आधार हैं ये वासना को दे बिसार ।
मात्र पाना चाहती हैं ये सभी का बस दुलार ।।1

दो कुलों की शान हैं ये बाप- माँ की हैं गुमान ।
ये निभातीं बात अपनी तोड़ती ये हैं न आन ।।
हैं सभी लक्ष्मी स्वरूपा राधिका सीता समान ।
अंश हैं ये मात की रे हैं धरा सी धैर्यवान ।।2

फागुनी सी ये बहारें श्रावणी सी हैं फुहार ।
वासना के तीर पर करते चुनरिया तार-तार ।।
देख कर के आह निकले पर सभी हैं आज मौन ।
मान इनका जो बढ़ाये है बताओ कृष्ण कौन ?

-महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
(सभी रचनाएँ शुद्ध गीता छंद में )
***

Language: Hindi
705 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all
You may also like:
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जन जन में खींचतान
जन जन में खींचतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
भर लो नयनों में नीर
भर लो नयनों में नीर
Arti Bhadauria
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
सत्य कुमार प्रेमी
जो लम्हें प्यार से जिया जाए,
जो लम्हें प्यार से जिया जाए,
Buddha Prakash
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
पूर्वार्थ
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
नेताम आर सी
कोरा संदेश
कोरा संदेश
Manisha Manjari
व्यवहार कैसा होगा बोल बता देता है..,
व्यवहार कैसा होगा बोल बता देता है..,
कवि दीपक बवेजा
*एक चूहा*
*एक चूहा*
Ghanshyam Poddar
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
Ravi Prakash
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
Dr Archana Gupta
घुमंतू की कविता #1
घुमंतू की कविता #1
Rajeev Dutta
उसने आंखों में
उसने आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
"साजिश"
Dr. Kishan tandon kranti
रूप तुम्हारा,  सच्चा सोना
रूप तुम्हारा, सच्चा सोना
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
घर एक मंदिर🌷🙏
घर एक मंदिर🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
निर्धन बिलखे भूख से, कौर न आए हाथ।
निर्धन बिलखे भूख से, कौर न आए हाथ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
Subhash Singhai
लोग जाम पीना सीखते हैं
लोग जाम पीना सीखते हैं
Satish Srijan
रंगों की दुनिया में सब से
रंगों की दुनिया में सब से
shabina. Naaz
बंदर मामा
बंदर मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अंबेडकर और भगतसिंह
अंबेडकर और भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
दिल पर किसी का जोर नहीं होता,
दिल पर किसी का जोर नहीं होता,
Slok maurya "umang"
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...