Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2017 · 1 min read

बेटियाँ

पास रहती हमेशा नहीं बेटियाँ
पर न माँ बाप को भूलतीं बेटियाँ

कहते बेटों को अपना सहारा मगर
दिल के गम अपने सँग बाँटतीं बेटियाँ

पाँव इनके जरा सी धरा क्या मिली
हौसलों से गगन छू रहीं बेटियाँ

आत्मसम्मान अपना यहाँ चाहतीं
इसलिये आत्मनिर्भर हुईं बेटियां

नाम माँ बाप का ये भी ऊँचा करें
बेटों से अब नहीं कम कहीं बेटियाँ

सोचने अब लगी ‘अर्चना’ सोच भी
रीत ऐसे बदलने लगीं बेटियाँ

डॉ अर्चना गुप्ता

687 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
पुष्पदल
पुष्पदल
sushil sarna
श्रीराम
श्रीराम
सुरेखा कादियान 'सृजना'
जियो जी भर
जियो जी भर
Ashwani Kumar Jaiswal
आत्मीय मुलाकात -
आत्मीय मुलाकात -
Seema gupta,Alwar
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
Monika Verma
जीवन में सफलता पाने के लिए तीन गुरु जरूरी हैं:
जीवन में सफलता पाने के लिए तीन गुरु जरूरी हैं:
Sidhartha Mishra
जिंदगी एक आज है
जिंदगी एक आज है
Neeraj Agarwal
*घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास* (हास्य कुंडलिया
*घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास* (हास्य कुंडलिया
Ravi Prakash
*भगवान के नाम पर*
*भगवान के नाम पर*
Dushyant Kumar
लोभ मोह ईष्या 🙏
लोभ मोह ईष्या 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जानो आयी है होली
जानो आयी है होली
Satish Srijan
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
Keshav kishor Kumar
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
Subhash Singhai
// श्री राम मंत्र //
// श्री राम मंत्र //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नफ़रत की आग
नफ़रत की आग
Shekhar Chandra Mitra
■  आज का लॉजिक
■ आज का लॉजिक
*Author प्रणय प्रभात*
बड्ड यत्न सँ हम
बड्ड यत्न सँ हम
DrLakshman Jha Parimal
"सुस्त होती जिंदगी"
Dr Meenu Poonia
".... कौन है "
Aarti sirsat
खुदा रखे हमें चश्मे-बद से सदा दूर...
खुदा रखे हमें चश्मे-बद से सदा दूर...
shabina. Naaz
ग़र हो इजाजत
ग़र हो इजाजत
हिमांशु Kulshrestha
कभी बेवजह तुझे कभी बेवजह मुझे
कभी बेवजह तुझे कभी बेवजह मुझे
Basant Bhagawan Roy
बात पते की कहती नानी।
बात पते की कहती नानी।
Vedha Singh
द्रोण की विवशता
द्रोण की विवशता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
Manisha Manjari
काव्य भावना
काव्य भावना
Shyam Sundar Subramanian
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
सिद्धार्थ गोरखपुरी
-------ग़ज़ल-----
-------ग़ज़ल-----
प्रीतम श्रावस्तवी
@ !!
@ !! "हिम्मत की डोर" !!•••••®:
Prakhar Shukla
Loading...