Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2017 · 1 min read

बारिश तुम्हें आना होगा

सूखती जा रही हैं
उम्मीदें
सूखती जा रही हैं
फसलें
सूखती जा रही हैं
कोपलें
सूखता जा रहा है
मन
सूखते जा रहे हैं
भरोसे
सूखते जा रहे हैं
रास्ते, गांव
सूखते जा रहे हैं
बच्चों के चेहरे
सूखते जा रहे हैं
बुलबुले पिछली बारिश के
सूखते जा रहे हैं
कुएं और उसके कंठ
…तुम्हें आना ही होगा बारिश
इन सभी को अहसास दिलाने
बारिश सच में होती है।

संदीप कुमार शर्मा

Language: Hindi
212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वर्तमान समय मे धार्मिक पाखण्ड ने भारतीय समाज को पूरी तरह दोह
वर्तमान समय मे धार्मिक पाखण्ड ने भारतीय समाज को पूरी तरह दोह
शेखर सिंह
Mere shaksiyat  ki kitab se ab ,
Mere shaksiyat ki kitab se ab ,
Sakshi Tripathi
डुगडुगी बजती रही ....
डुगडुगी बजती रही ....
sushil sarna
आ रे बादल काले बादल
आ रे बादल काले बादल
goutam shaw
😜 बचपन की याद 😜
😜 बचपन की याद 😜
*Author प्रणय प्रभात*
ना हो अपनी धरती बेवा।
ना हो अपनी धरती बेवा।
Ashok Sharma
होली के दिन
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
*चाय ,पकौड़ी और बरसात (हास्य व्यंग्य)*
*चाय ,पकौड़ी और बरसात (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वेलेंटाइन डे रिप्रोडक्शन की एक प्रेक्टिकल क्लास है।
वेलेंटाइन डे रिप्रोडक्शन की एक प्रेक्टिकल क्लास है।
Rj Anand Prajapati
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
लक्ष्मी सिंह
"वृद्धाश्रम"
Radhakishan R. Mundhra
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
कवि दीपक बवेजा
2823. *पूर्णिका*
2823. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हें अकेले चलना होगा
तुम्हें अकेले चलना होगा
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सोचता हूँ
सोचता हूँ
Satish Srijan
एतबार इस जमाने में अब आसान नहीं रहा,
एतबार इस जमाने में अब आसान नहीं रहा,
manjula chauhan
बम भोले।
बम भोले।
Anil Mishra Prahari
वोटों की फसल
वोटों की फसल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक दिन
एक दिन
Harish Chandra Pande
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कैसा विकास और किसका विकास !
कैसा विकास और किसका विकास !
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरे दिल से उसकी हर गलती माफ़ हो जाती है,
मेरे दिल से उसकी हर गलती माफ़ हो जाती है,
Vishal babu (vishu)
शादी ..... एक सोच
शादी ..... एक सोच
Neeraj Agarwal
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हिम्मत कभी न हारिए
हिम्मत कभी न हारिए
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
वेदनामृत
वेदनामृत
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
मुजरिम हैं राम
मुजरिम हैं राम
Shekhar Chandra Mitra
Loading...