Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2017 · 1 min read

बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है

मुश्किल कितनी भी आ जाये, तुमको ना घबराना है
बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है

मन हारा तो जग हारे तुम
मन से हार नहीं जाना
जब तक हिम्मत है लड़ना तुम
मन की ताकत दिखलाना
पंख हौसलों के ले साथी, अम्बर उड़ते जाना है
बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है

कभी विपत्ति जो आ जाये
हिम्मत रख आगे बढ़ना
रात के बाद ही दिन होता है
सूरज बन फिर से उगना
आशाओं के दीप जलाकर, तम को हरते जाना है
बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है

हार मिले तो सीख मिलेगी
राह नई फिर भी दिखती
कोशिश तब तक करते रहना
जब तक जीत नहीं मिलती
मेहनत से सुन सारे सपने, पूरे करते जाना है
बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है

कभी थको तो हार न जाना
सही राह चलते जाना
बीच भँवर में फँसी हो नैया
लहरों से टकरा जाना
हारी बाज़ी जीत के साथी, विजयी बनते जाना है
बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है

लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’
बैतूल

Language: Hindi
Tag: गीत
908 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छोटी-छोटी खुशियों से
छोटी-छोटी खुशियों से
Harminder Kaur
जिन्दगी
जिन्दगी
लक्ष्मी सिंह
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
कवि रमेशराज
बाल कविता: चिड़िया आयी
बाल कविता: चिड़िया आयी
Rajesh Kumar Arjun
हिसाब रखियेगा जनाब,
हिसाब रखियेगा जनाब,
Buddha Prakash
Them: Binge social media
Them: Binge social media
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मृत्यु पर विजय
मृत्यु पर विजय
Mukesh Kumar Sonkar
जितना तुझे लिखा गया , पढ़ा गया
जितना तुझे लिखा गया , पढ़ा गया
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
Krishna Manshi
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
भ्रम
भ्रम
Kanchan Khanna
💐अज्ञात के प्रति-49💐
💐अज्ञात के प्रति-49💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फूलों की है  टोकरी,
फूलों की है टोकरी,
Mahendra Narayan
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
शेखर सिंह
मुस्कुराते रहो
मुस्कुराते रहो
Basant Bhagawan Roy
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
Pramila sultan
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
एक उजली सी सांझ वो ढलती हुई
एक उजली सी सांझ वो ढलती हुई
नूरफातिमा खातून नूरी
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
' नये कदम विश्वास के '
' नये कदम विश्वास के '
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
इश्क़ के समंदर में
इश्क़ के समंदर में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
किताब
किताब
Lalit Singh thakur
मां
मां
Manu Vashistha
मातु भवानी
मातु भवानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
इंसानियत का वजूद
इंसानियत का वजूद
Shyam Sundar Subramanian
■ कहानी घर-घर की।
■ कहानी घर-घर की।
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा पंचक. . . क्रोध
दोहा पंचक. . . क्रोध
sushil sarna
मूल्यों में आ रही गिरावट समाधान क्या है ?
मूल्यों में आ रही गिरावट समाधान क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
Loading...