Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2017 · 1 min read

बादल

☁⛅?बादल? ⛅☁
☔☔⚡⚡☔☔
कभी श्यामल कभी धवल से बादल,
खिलते श्वेत पद्म,कमल से बादल।
(१)
मां देखो इनका आकार,
करते ये सपना साकार।
कभी बैल से, कभी शैल से।
कभी रूप ये पेड़ का धरते,
कभी भेड़ बन नभ में विचरते।
कभी शेर बनकर दहाड़ते,
कभी झरना ये कभी पहाड़ से।
कभी बन चोर सिपाही खेलते,
कभी मन मोर बनकर नाचते।
बालक मन विभोर यह करते,
अंधेरे मन में भोर यह करते।
(२)
मां होते मन मतवाले बादल,
करुण हृदय रखवाले बादल।
छा जाते जब नीलगगन पर,
दुख पथिक का संभाले बादल।
हलधर स्वप्न हैं पाले बादल,
बरखा रिमझिम डालें बादल।
धरा वसुधा की प्यास बुझाते,
खुद में दुख सभी,समालें बादल।
(३)
गरज बजाते ये रणभेरी,
रोशन करते अमा अंधेरी।
कभी कभी कर देते देरी,
उल्लसित बूंदें खूब बिखेरी।
नभ पर जब छा जाते बादल।
देखो आसमां पर जाते,
विरहन के ये आए बुलाये।
हर प्राणी को सुख ये देते,
सबकी गर्मी दूर भगाये
खेतों में हरियाली फैलाये।
जीव जंतु सब उर हुलसाये,
वन उपवन तरु विटप मंजरी,
सबपर शीतल जल बरसाये।
(४)
बादल चंचल बदले पल-पल,
निर्मल निश्छल उज्जवल दलबल।
घुमड़ घुमड़ कर ये हैं गहराये,
बच्चे छपाक छयी,उधम मचायें।
होते कितने प्यारे बादल,
सुंदर सहज और न्यारे बादल।
नीलम नीलवर्ण से बादल,
प्रेयसी के हलकारे बादल।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
Tag: गीत
523 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
अश्क चिरैयाकोटी
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐अज्ञात के प्रति-14💐
💐अज्ञात के प्रति-14💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
* सत्य,
* सत्य,"मीठा या कड़वा" *
मनोज कर्ण
दो शरारती गुड़िया
दो शरारती गुड़िया
Prabhudayal Raniwal
2602.पूर्णिका
2602.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अरमान
अरमान
Kanchan Khanna
एक बालक की अभिलाषा
एक बालक की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
राम
राम
Suraj Mehra
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*****राम नाम*****
*****राम नाम*****
Kavita Chouhan
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
कृष्णकांत गुर्जर
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
Ravi singh bharati
*** मां की यादें ***
*** मां की यादें ***
Chunnu Lal Gupta
शिकायत लबों पर
शिकायत लबों पर
Dr fauzia Naseem shad
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
रेत पर मकान बना ही नही
रेत पर मकान बना ही नही
कवि दीपक बवेजा
*सीधी-सादी मस्त अदाएँ (हिंदी गजल/गीतिका)*
*सीधी-सादी मस्त अदाएँ (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
शुरुआत
शुरुआत
Er. Sanjay Shrivastava
प्रश्न
प्रश्न
Dr MusafiR BaithA
पृथ्वीराज
पृथ्वीराज
Sandeep Pande
मेरे   परीकल्पनाओं   की   परिणाम   हो  तुम
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
पूर्वार्थ
दोस्ती तेरी मेरी
दोस्ती तेरी मेरी
Surya Barman
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
Shekhar Chandra Mitra
#एक_और_बरसी
#एक_और_बरसी
*Author प्रणय प्रभात*
अनेक मौसम
अनेक मौसम
Seema gupta,Alwar
जो मासूम हैं मासूमियत से छल रहें हैं ।
जो मासूम हैं मासूमियत से छल रहें हैं ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
हम तो यही बात कहेंगे
हम तो यही बात कहेंगे
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...