” ———————————————— बात कही फूलों ने ” !!
खुशबू , रंगत , सुन्दरता है , आकर्षण फूलों में !
प्यारी प्यारी छवि निखरती , याद बही फूलों में !!
स्वागत अभिवादन करना है , देनी कोई बधाई !
फूलों से तुलता है कोई , तोल सही फूलों ने !!
केश सजाओ चाहो जैसे , बांधो या लहराओ !
दिल चाहो काबू में करना , राज़ यही फूलों में !!
प्रेम कहानी बड़ी रंगीली , दर्ज हुई जाती हैं !
बन्द पृष्ठ जो खुले अगर तो , बात कही फूलों ने !!
मौसम आये , मौसम जाये , पवन करे सरगोशी !
ऋतुओं में उन्माद जगा दे , बात वही फूलों में !!
सजधज कहो जवानी की या , नई कोई शुरुआत !
नहीं रात की बात बने है , खास यही फूलों में !!
पूजन अर्चन सभी अधूरा , मंदिर घाट के देवा !
भक्ति भाव में रस ना बरसे , आस बही फूलों में !!
प्रथम बिदाई हो या अंतिम , साथ सभी चाहे हैं !
शीश चढ़ाओ , राह बिखेरो , चाह यही फूलों में !!
बाग बगीचों में रौनक हो , खूब सजे हरियाली !
कांटों में भी शीश उठाये , नाज़ यही फूलों में !!
बृज व्यास