Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2017 · 2 min read

बस एक ही भूख

जिंदगी की राह में चलते-चलते आज मायूस हो गए,
माया की दुनिया में लक्ष्य से हटने पर मजबूर हो गए I

कभी अरमान था कि एक महकता गुलिस्ताँ बनाऊंगा,
“इंसानियत” के फूलों से इस बगिया को खूब सजाऊंगा ,
“ईमान” की क्यारी इसमें लगाकर फूलों को महकाऊंगा,
“प्रेम-प्यार” की कलियों से इस गुलशन को खिलाऊंगा I

जिंदगी की राह में चलते-चलते आज मायूस हो गए,
माया की दुनिया में लक्ष्य से हटने पर मजबूर हो गए I

भूख के रंग
*********

चौतरफा हमें दिखाई देती है, बस एक भूख ही भूख ,
सब कुछ लुटाकर सब कुछ हासिल करने की भूख,
अपने जिस्म को बेचकर दौलत पाने की एक भूख ,
टुकड़े–2 रोटी के लिए तड़पते हुए बच्चे की एक भूख,

जिंदगी की राह में चलते-चलते आज मायूस हो गए,
आगे-2 बढनें की चाहत में अपना लक्ष्य भी भूल गए,

एक हक़ीकत :

इस प्यारे जगमग जग में हम कहाँ दौड़ते चले जा रहे ?
सब कुछ भूलकर नफ़रत को अपने गले लगाते जा रहे,
“घर” को छोड़कर अलगाव के समंदर में समाते जा रहे,
लौटना है मुश्किल, ऐसे भँवर के जाल में फंसते जा रहे ,

जिंदगी की राह में चलते-चलते आज हम मायूस हो गए,
माया की नगरी में प्रेम का दीपक भी जलाना भूल गए,

काश ! “राज” मायानगरी को पहले ही अगर जान जाता ,
“प्रेम की डगर” पर चलने का अडिग बीड़ा कभी न उठाता,
मुट्ठी बांधकर आया था, गठरी में सिमट कर चला जाता,
“भारत हमारा है” “हम भारतीय है” का अलख न जलाता I

जिंदगी की राह में चलते-चलते आज हम बेबस – मायूस हो गए,
“गुलशन” में लगी नफ़रत की आग देखने को मजबूर हो गए,

**************
देशराज “राज”
कानपुर

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 1353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कैसे बचेगी मानवता
कैसे बचेगी मानवता
Dr. Man Mohan Krishna
मुझे आज तक ये समझ में न आया
मुझे आज तक ये समझ में न आया
Shweta Soni
छोटी-छोटी खुशियों से
छोटी-छोटी खुशियों से
Harminder Kaur
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
Tarun Garg
एक मन
एक मन
Dr.Priya Soni Khare
मैं धरा सी
मैं धरा सी
Surinder blackpen
"कहाँ ठिकाना होगा?"
Dr. Kishan tandon kranti
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
कवि दीपक बवेजा
होके रहेगा इंक़लाब
होके रहेगा इंक़लाब
Shekhar Chandra Mitra
नन्हें बच्चे को जब देखा
नन्हें बच्चे को जब देखा
Sushmita Singh
*यारा तुझमें रब दिखता है *
*यारा तुझमें रब दिखता है *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
“ मैथिली ग्रुप आ मिथिला राज्य ”
“ मैथिली ग्रुप आ मिथिला राज्य ”
DrLakshman Jha Parimal
नववर्ष पर मुझको उम्मीद थी
नववर्ष पर मुझको उम्मीद थी
gurudeenverma198
💐प्रेम कौतुक-400💐
💐प्रेम कौतुक-400💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*कर्मफल सिद्धांत*
*कर्मफल सिद्धांत*
Shashi kala vyas
जब कोई आपसे बहुत बोलने वाला व्यक्ति
जब कोई आपसे बहुत बोलने वाला व्यक्ति
पूर्वार्थ
3057.*पूर्णिका*
3057.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुद को ही हम
खुद को ही हम
Dr fauzia Naseem shad
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मुहब्बत का घुट
मुहब्बत का घुट
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
Sahil Ahmad
आर्य   (कुंडलिया)
आर्य (कुंडलिया)
Ravi Prakash
गंगा
गंगा
डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
माघी दोहे ....
माघी दोहे ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम कितने आजाद
हम कितने आजाद
लक्ष्मी सिंह
तुम्हारे प्रश्नों के कई
तुम्हारे प्रश्नों के कई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तुम  में  और  हम  में
तुम में और हम में
shabina. Naaz
आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइ
आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइ
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...