Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2016 · 1 min read

“बरस जा”

आज कुछ बादल से लगे हैं दूर आसमा पे, शायद मिलेगी राहत हमें इस भरी तपन से !
तेरी इसी आस मैं बैठा हूँ एक मुद्दत लेकर, तू जरा अपनी ताकत मुझ पर कुर्बान कर दे !

ए दूर के बादल कभी बरस भी जा, ऊब गया हूँ मैं इस भरी तपन से !
देख जरा हाल क्या हो गया इंसान का यहां, रहमत अपनी हमपर भी कुर्बान कर दे !

दया तो तुझे आती ही होगी मुझ पर शायद, गलती है क्या मेरी मुझे ये बता भी दे !
मैं सहमा हूँ बहका सा हूँ बस तेरी खातिर, तू बस अपनी सूरत कभी दिखा भी दे !

सुख गये खेत और खलिहान मेरे तू है बस वजह , सूरत तो छोड़ कभी मूरत अपनी दिखा भी दे !
जानें भी न जाने कितनी कुर्बान हुई तेरी खातिर यहां, तू क्या है चाहता अब खुलकर जरा बता भी दे !

रो- रो कर थक गए हम इस कदर , जरा बौछारें अपनी अब दिखा भी दे !

……….बृज

Language: Hindi
1 Like · 312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नम्रता
नम्रता
ओंकार मिश्र
हम चाहते हैं कि सबसे संवाद हो ,सबको करीब से हम जान सकें !
हम चाहते हैं कि सबसे संवाद हो ,सबको करीब से हम जान सकें !
DrLakshman Jha Parimal
संतोष धन
संतोष धन
Sanjay ' शून्य'
अब नहीं घूमता
अब नहीं घूमता
Shweta Soni
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
■ चिंतनीय स्थिति...
■ चिंतनीय स्थिति...
*Author प्रणय प्रभात*
"तलाश"
Dr. Kishan tandon kranti
सोच
सोच
Sûrëkhâ Rãthí
मन चाहे कुछ कहना....!
मन चाहे कुछ कहना....!
Kanchan Khanna
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
Er.Navaneet R Shandily
*मंज़िल पथिक और माध्यम*
*मंज़िल पथिक और माध्यम*
Lokesh Singh
पथ पर आगे
पथ पर आगे
surenderpal vaidya
मशीन कलाकार
मशीन कलाकार
Harish Chandra Pande
3127.*पूर्णिका*
3127.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पर दारू तुम ना छोड़े
पर दारू तुम ना छोड़े
Mukesh Srivastava
#Om
#Om
Ankita Patel
'चो' शब्द भी गजब का है, जिसके साथ जुड़ जाता,
'चो' शब्द भी गजब का है, जिसके साथ जुड़ जाता,
SPK Sachin Lodhi
love or romamce is all about now  a days is only physical in
love or romamce is all about now a days is only physical in
पूर्वार्थ
तेरी हस्ती, मेरा दुःख,
तेरी हस्ती, मेरा दुःख,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
-- नसीहत --
-- नसीहत --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सुबह वक्त पर नींद खुलती नहीं
सुबह वक्त पर नींद खुलती नहीं
शिव प्रताप लोधी
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
कुछ एक आशू, कुछ एक आखों में होगा,
goutam shaw
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
फिर पर्दा क्यूँ है?
फिर पर्दा क्यूँ है?
Pratibha Pandey
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
कवि रमेशराज
*अहं ब्रह्म अस्मि*
*अहं ब्रह्म अस्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
🌷 चंद अश'आर 🌷
🌷 चंद अश'आर 🌷
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कितना सुकून और कितनी राहत, देता माँ का आँचल।
कितना सुकून और कितनी राहत, देता माँ का आँचल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पेड़ लगाओ तुम ....
पेड़ लगाओ तुम ....
जगदीश लववंशी
वो इक नदी सी
वो इक नदी सी
Kavita Chouhan
Loading...