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13 May 2017 · 1 min read

बदलाव

पहर पहर बीता जाए,
जहर जहर घुलता जाए,
हो रही प्रदूषित हवाएँ,
अब बिक रही दुआएँ,

मन भी मैला तन भी मैला,
जन हो रहा आज अकेला,
छोड़ रहा साथ साया अपना,
न जाने कौन पराया कौन अपना,

बिक रहे आज रिश्ते,
कैसे ढूंढे हम फरिश्ते,
क्षण क्षण छूटा जाए,
रण रण बनता जाए,

कितना बदल गया जहां,
जाये तो अब जाये कहाँ,
बदल चुकी हैं मानवता,
किसे माने अब देवता,

हर्ष गया विषाद आ गया,
सहर्ष गया संघर्ष छा गया,
घुमड़ घुमड़ कर बादल आ जाये,
प्रेम स्नेह की वर्षा अब बरस जाये,

चातक को मिले फिर स्वाति का जल,
जननी नही अब जन की हो आंखे सजल,
।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
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