Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2017 · 1 min read

बजरंगी तेरा सहारा

बजरंग बली बाला मेरी पुकार सुन लो ,
मझधार फंसी नईया, नईया को पार कर लो ,
कर जोर के है विनती राम। ……..
कर जोर के है विनती उसी बार बार सुन लो !!
बजरंग बली। ……
मई हूँ बड़ा अज्ञानी मुझे ज्ञानवान कर दो ,
जीवन में जो अन्धेरा उसका निदान कर दो ,
बजरंग बली मुझपे राम। …….
बजरंग बली मुझपे महिमा अपार कर दो !!
बजरंग बाले। …….
हालत बड़ी है बिगड़ी , बिगड़ी मेरी बना दो ,
हो हर दिन नया सबेरा , ऐसी घड़ी बना दो ,
उपकार इतना करके राम। ….
उपकार इतना करके , मेरा उद्धार कर दो !!
बजरंग बली। ……
कंठो में राग भर दो , हाथो में साज़ भर दो ,
मन का मेल जो है , उसे साफ़ आज कर दो ,
मेरे जीवन का अन्धेरा राम। …..
मेरा जीवन का अँधेरा उसको भी पार कर दो !!!
बजरंग बाले बाला मेरी पुकार सुन लो……
अंकुर दीवाना की विनती हजार सुन लो !!!!

Language: Hindi
Tag: गीत
543 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
Rituraj shivem verma
वही खुला आँगन चाहिए
वही खुला आँगन चाहिए
जगदीश लववंशी
बिना तुम्हारे
बिना तुम्हारे
Shyam Sundar Subramanian
ముందుకు సాగిపో..
ముందుకు సాగిపో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
मानसिकता का प्रभाव
मानसिकता का प्रभाव
Anil chobisa
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
SATPAL CHAUHAN
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
"म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के"
Abdul Raqueeb Nomani
*रोने का प्रतिदिन करो, जीवन में अभ्यास【कुंडलिया】*
*रोने का प्रतिदिन करो, जीवन में अभ्यास【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
बाजार  में हिला नहीं
बाजार में हिला नहीं
AJAY AMITABH SUMAN
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
Shreedhar
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
Ranjeet kumar patre
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
रोकोगे जो तुम...
रोकोगे जो तुम...
डॉ.सीमा अग्रवाल
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
लक्ष्मी सिंह
"आँखें तो"
Dr. Kishan tandon kranti
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
Tahrir kar rhe mere in choto ko ,
Tahrir kar rhe mere in choto ko ,
Sakshi Tripathi
■मंज़रकशी :--
■मंज़रकशी :--
*Author प्रणय प्रभात*
परीक्षा
परीक्षा
Er. Sanjay Shrivastava
मकर संक्रांति पर्व
मकर संक्रांति पर्व
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
उलझते रिश्तो में मत उलझिये
उलझते रिश्तो में मत उलझिये
Harminder Kaur
तब जानोगे
तब जानोगे
विजय कुमार नामदेव
घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार।
घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
🍁
🍁
Amulyaa Ratan
किताबें पूछती है
किताबें पूछती है
Surinder blackpen
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
Atul "Krishn"
अपनी बेटी को
अपनी बेटी को
gurudeenverma198
Loading...