Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2017 · 1 min read

बचपन

दूर देखा तोह कोई ज़ोर ज़ोर से हंस रहा था
लगा जैसे मुझ पे ही निगाहे गड़ाये खड़ा था
पास गया तोह कोई जान पेचान वाला लगा
अरे यह तोह बचपन था जो पीछे छुट गया

खिल खिला के हंस के ज़ोर से बोला वह
क्या हुआ खुश नहीं हो,चेहरा क्यों लटका है
शौक था बड़े होने का,अब क्यों लगा झटका है
तेजी से भागे छोड़कर तुम मुझे जवानी की और
कहा था कि भाई बहुत अच्छा लगता है उसका शोर

ज़ोर ज़ोर से बचपन मार रहा था जवानी पे ताने
और मन जवाब देने के लिए बुन रहा था ताने बाने
मैं निरुत्तर खड़ा सोच रहा था,क्या यही मुझे पाना था
क्या यही जीवन का रास्ता था जिसपे मुझे जाना था
न जाने कहाँ खो गयी है वह भूले बचपन की मस्ती
जब अनोखा ही मज़ा देती थी वह कागज़ की कश्ती
गलियों की धूल जो हर मस्ती का लगती थी solution
अब बैठा उसी को कोस रहा हूँ जो लगने लगी है pollution

ऐसा सोचते सोचते न जाने कहाँ से कहाँ आ गए
न जाने बड़े होने की फ़िराक में कितना समय खा गए
सोचा अभी भी समय है थोड़ा अपने लिए भी जी लूँ
वही मस्ती वही बेफिक्री घूँट घूँट करके फिर से पी लूँ
फिर से पी लूँ…

..विवेक कपूर

Language: Hindi
867 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्तुति - दीपक नीलपदम्
स्तुति - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
gurudeenverma198
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
कवि रमेशराज
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
पूर्वार्थ
Pain changes people
Pain changes people
Vandana maurya
पथिक आओ ना
पथिक आओ ना
Rakesh Rastogi
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
Bhupendra Rawat
ईश्वर से बात
ईश्वर से बात
Rakesh Bahanwal
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
#शुभ_रात्रि
#शुभ_रात्रि
*Author प्रणय प्रभात*
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
Rj Anand Prajapati
बड़ी मोहब्बतों से संवारा था हमने उन्हें जो पराए हुए है।
बड़ी मोहब्बतों से संवारा था हमने उन्हें जो पराए हुए है।
Taj Mohammad
मेरी एक सहेली है
मेरी एक सहेली है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2851.*पूर्णिका*
2851.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्राद्ध
श्राद्ध
Mukesh Kumar Sonkar
जुग जुग बाढ़य यें हवात
जुग जुग बाढ़य यें हवात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
Tarun Singh Pawar
सिर्फ खुशी में आना तुम
सिर्फ खुशी में आना तुम
Jitendra Chhonkar
पल का मलाल
पल का मलाल
Punam Pande
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
Seema Verma
एक और इंकलाब
एक और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
हिमांशु Kulshrestha
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
असली नकली
असली नकली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक सलाह, नेक सलाह
एक सलाह, नेक सलाह
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
एक हसीं ख्वाब
एक हसीं ख्वाब
Mamta Rani
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
Kumar lalit
हिन्दी के हित प्यार
हिन्दी के हित प्यार
surenderpal vaidya
Loading...