Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Mar 2017 · 1 min read

फूल हूँ

नेह-रूप चूल हूँ |
आनंदी मूल हूँ |
जागरण-सु तूल बन |
हसूँ, क्यों कि फूल हूँ|

बृजेश कुमार नायक
जागा हिंदुस्तान चाहिए एवं क्रौंच सुऋषि आलोक कृतियों के प्रणेता
निवास- सुभाष नगर कोंच-285205

रूप=स्वभाव
तूल=आकाश

Language: Hindi
543 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
सरस रंग
सरस रंग
Punam Pande
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
गंगा ....
गंगा ....
sushil sarna
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
Chandrakant Sahu
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
पूर्वार्थ
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
रोज रात जिन्दगी
रोज रात जिन्दगी
Ragini Kumari
गृहस्थ के राम
गृहस्थ के राम
Sanjay ' शून्य'
*रंग बदलते रहते मन के,कभी हास्य है-रोना है (मुक्तक)*
*रंग बदलते रहते मन के,कभी हास्य है-रोना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
तुझको मै अपना बनाना चाहती हूं
तुझको मै अपना बनाना चाहती हूं
Ram Krishan Rastogi
पर्यावरण
पर्यावरण
Dr Parveen Thakur
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
डी. के. निवातिया
2756. *पूर्णिका*
2756. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
लहर
लहर
Shyam Sundar Subramanian
डाकिया डाक लाया
डाकिया डाक लाया
Paras Nath Jha
चोट शब्द की न जब सही जाए
चोट शब्द की न जब सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नज़्म तुम बिन कोई कही ही नहीं।
नज़्म तुम बिन कोई कही ही नहीं।
Neelam Sharma
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
अनिल कुमार
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
Rj Anand Prajapati
■ आज नहीं अभी 😊😊
■ आज नहीं अभी 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
सबसे ज्यादा विश्वासघात
सबसे ज्यादा विश्वासघात
ruby kumari
सबके राम
सबके राम
Sandeep Pande
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
डिजेन्द्र कुर्रे
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
तुम रूबरू भी
तुम रूबरू भी
हिमांशु Kulshrestha
जल बचाओ, ना बहाओ।
जल बचाओ, ना बहाओ।
Buddha Prakash
"सोच अपनी अपनी"
Dr Meenu Poonia
"किसी की नज़र ना लगे"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...