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16 Aug 2016 · 1 min read

फ़िर तेरी याद आ गयी ‘नासिर’

हद से ज़ियादा वबाल कर डाला
फिर खुदा ने ज़वाल कर डाला

अपना इल्ज़ाम मेरे सर डाला
यार तुमने कमाल कर डाला….

एक ताज़ा गुलाब चेहरे को..
एक पुरानी मिसाल कर डाला….

मेरा कासा चटक गया’ शायद
उसने हीरा निकाल कर डाला

दिन गुज़ारा इधर उधर तनहा
रात आई मलाल कर डाला

फ़िर तेरी याद आ गयी ‘नासिर’
देख आँखो को लाल कर डाला

– नासिर राव

2 Comments · 462 Views
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