Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2016 · 1 min read

प्रिये ! मैं गाता रहूंगा…

यदि इशारे हों तुम्हारे, प्रिये ! मैं गाता रहूंगा.
प्रेम-पथ का पथिक हूँ मैं ,
प्रेम हो साकार तुम.
मुझ अकिंचन को हमेशा ,
बांटती हो प्यार तुम.
पात्र लेकर रिक्त ,द्वारे नित्य ही आता रहूंगा.
सरस है जीवन तुम्हीं से,
हर दिवस मधुमास है.
रात का हर पल,
तुम्हारे प्रेम का ही रास है.
बेणु का हर सुर मधुरतम तुम्हीं से पाता रहूंगा.
खिलेंगे जब तक
तुम्हारे युगल नयनों में कमल.
तभी तक सुखमय रहेंगे,
ज़िन्दगी के चार पल.
मैं मधुप हर पंखुड़ी पर बैठ,मुस्काता रहूंगा.
प्रेम से जीवन मेरा,
तुमने संवारा जिस तरह.
मैं तुम्हें प्रतिदन इसका,
दे सकूंगा किस तरह.
नित्य बलिहारी तुम्हारे प्रेम पर जाता रहूंगा.
— त्रिलोक सिंह ठकुरेला

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 318 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
"नुक़्ता-चीनी" करना
*Author प्रणय प्रभात*
कबीर: एक नाकाम पैगंबर
कबीर: एक नाकाम पैगंबर
Shekhar Chandra Mitra
* प्रीति का भाव *
* प्रीति का भाव *
surenderpal vaidya
"मित्र से वार्ता"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरा सुकून....
मेरा सुकून....
Srishty Bansal
.........?
.........?
शेखर सिंह
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
कवि रमेशराज
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
कि दे दो हमें मोदी जी
कि दे दो हमें मोदी जी
Jatashankar Prajapati
किए जा सितमगर सितम मगर....
किए जा सितमगर सितम मगर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
उसकी दहलीज पर
उसकी दहलीज पर
Satish Srijan
अपने लक्ष्य की ओर उठाया हर कदम,
अपने लक्ष्य की ओर उठाया हर कदम,
Dhriti Mishra
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
gurudeenverma198
*रिटायर हो गए तो कौन, साहिब कौन चपरासी (हास्य व्यंग्य मुक्तक
*रिटायर हो गए तो कौन, साहिब कौन चपरासी (हास्य व्यंग्य मुक्तक
Ravi Prakash
सितम ढाने का, हिसाब किया था हमने,
सितम ढाने का, हिसाब किया था हमने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"तुम ही"
Dr. Kishan tandon kranti
*जातिवाद का खण्डन*
*जातिवाद का खण्डन*
Dushyant Kumar
खुशनसीबी
खुशनसीबी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
कहने को हर हाथ में,
कहने को हर हाथ में,
sushil sarna
उसकी ग़मी में यूँ निहाँ सबका मलाल था,
उसकी ग़मी में यूँ निहाँ सबका मलाल था,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐प्रेम कौतुक-169💐
💐प्रेम कौतुक-169💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आँख से अपनी अगर शर्म-ओ-हया पूछेगा
आँख से अपनी अगर शर्म-ओ-हया पूछेगा
Fuzail Sardhanvi
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
.......रूठे अल्फाज...
.......रूठे अल्फाज...
Naushaba Suriya
मेरा महबूब आ रहा है
मेरा महबूब आ रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जीवन बेहतर बनाए
जीवन बेहतर बनाए
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बेशर्मी के हौसले
बेशर्मी के हौसले
RAMESH SHARMA
Loading...