प्रार्थना……??
इन श्रद्धा से भरी आँखों में,आशा के दीप जला जा-ना।
हम मंज़िल के मुसाफ़िर हैंं प्रभु,मंज़िल का पथ बतला जा-ना।।
1**
तुम हो जग के रचैया स्वामी,तेरी दया हमको चाहिए।
नेकी के पथ पर चलते चलें,बाकी हया हमको चाहिए।
बनके मार्गगदर्शक हमारे,तुम नैया पार लगा जा-ना।
हम मंज़िल………………….।
2**
चाँद-सूरज-से चमकें जग में,रहें गतिशील इस जीवन में।
भेदभाव की तोड़ दीवारें,भरदें प्यार हम जन-जन में।
इंसानियत का मधुर राग ये,हृदय-वीणा पर सजा जा-ना।
हम मंजिल………………….।
3**
पल्लव पुष्पों-से सजे स्वामी,जग फुलवारी सजाएँ सदा।
नदियों झरनों से पावन बने,भारती भाल उठाएँ सदा।
बसकर मन के सागर हमारे,तुम मोती-सा चमका जा-ना।
राधेयश्याम बंगालिया प्रीतम
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