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18 Jan 2017 · 1 min read

प्रात: अभिनन्दन ।

प्रात: अभिनन्दन ।

जागो, देखो भोर का उजियारा
कोहरे से छाया जैसे अंधियारा

लगे क्षितिज में मिल गई है धरा
वसुधरा में ठन्ड का असर गहरा

शीतल-कोमल हाथों ने दुलारा
पवन के स्पर्श से बदन ठिठुरा

मीठी मीठी सिहरन ने मारा
चारें और शीतलता का नज़ारा

उलझे उलझे मौसम का इशारा
बर्फ सी चुभन, दर्द प्यारा प्यारा

वसुधा के नयनों में ओस की धारा
धड़कनों में कम्पित जग बेसहारा

यह ही तो है अब प्रभाती नज़रा
उदित किरणो की तेज़ ने संवारा

चिल मिलाती धुप का सहारा
सर्द मौसम का सुंदर प्रभात प्यारा

स ज न

Language: Hindi
697 Views
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