Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2016 · 1 min read

प्रश्नचिन्ह (?)

गरीबी से त्रस्त और बेरोज़गारी से ग्रस्त,
एक पढ़े-लिखे का दुर्भाग्य,
अपनी जगह से कुछ हिला,
जब प्रगति के नाम पर,
‘घूस प्रशिक्षण केन्द्र’ खुलाl
ब्लैक में ही सही,
वह प्रवेश फॉर्म खरीद लाया,
और नीचे से ऊपर तक के,
सभी लोगों से मिल आया l
किसी के आगे गिड़गिड़ाया,
तो किसी का बिल चुकाया l
आखिरकार उसने फॉर्म भर दिया, और,
अग्रसारण हेतु प्रस्तुत कर दिया l
उत्तर मिला – “यहाँ के अनुशासन का ध्यान रखो,
जाओ, जाकर लाईन में लगो “l
उसने कुछ सोचा, फिर लाईन तक पहुंचा l
वहाँ भी गुल खिल रहे थे ,
लाईन में आगे आने और,
काम जल्दी कराने के लिये,
सभी लोग किसी न किसी से मिल रहे थे l
उसे लगा कि,
उसकी निराशाओं का फल पक गया l
आगे तो न जा पाया,
फिर भी लाईन में लग गया l
देर से ही सही, उसका भी नम्बर आया,
और उसने स्वयं को,
सबसे आगे खड़ा पाया l
मगर जब सिर उठाया,
तो बन्द कमरा नज़र आया l
कारण यह था कि,
सम्बंधित अधिकारी जा चुके थे ,
क्योंकि उसके पीछे और आगे वाले,
‘पिछले दरवाज़े से प्रवेश’ पा चुके थे l
वह हताश-निराश थक गया था,
और घूस प्रशिक्षण केन्द्र की विश्वसनीयता पर,
प्रश्नचिन्ह लग गया था l

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

— राजीव ‘प्रखर’
मुरादाबाद
मो. 8941912642

Language: Hindi
658 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फिर से अजनबी बना गए जो तुम
फिर से अजनबी बना गए जो तुम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
Keshav kishor Kumar
*आओ बच्चों सीख सिखाऊँ*
*आओ बच्चों सीख सिखाऊँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हद्द - ए - आसमाँ की न पूछा करों,
हद्द - ए - आसमाँ की न पूछा करों,
manjula chauhan
तुम सत्य हो
तुम सत्य हो
Dr.Pratibha Prakash
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
डॉ. जसवंतसिंह जनमेजय का प्रतिक्रिया पत्र लेखन कार्य अभूतपूर्व है
डॉ. जसवंतसिंह जनमेजय का प्रतिक्रिया पत्र लेखन कार्य अभूतपूर्व है
आर एस आघात
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
पूर्वार्थ
धीरे-धीरे रूप की,
धीरे-धीरे रूप की,
sushil sarna
........,?
........,?
शेखर सिंह
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हैदराबाद-विजय (कुंडलिया)
हैदराबाद-विजय (कुंडलिया)
Ravi Prakash
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
लक्ष्मी सिंह
सोचता हूँ  ऐ ज़िन्दगी  तुझको
सोचता हूँ ऐ ज़िन्दगी तुझको
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"दान"
Dr. Kishan tandon kranti
राम
राम
umesh mehra
💐अज्ञात के प्रति-69💐
💐अज्ञात के प्रति-69💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
****🙏🏻आह्वान🙏🏻****
****🙏🏻आह्वान🙏🏻****
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*हमारे कन्हैया*
*हमारे कन्हैया*
Dr. Vaishali Verma
माफ करना, कुछ मत कहना
माफ करना, कुछ मत कहना
gurudeenverma198
सावन और साजन
सावन और साजन
Ram Krishan Rastogi
वीज़ा के लिए इंतज़ार
वीज़ा के लिए इंतज़ार
Shekhar Chandra Mitra
की हरी नाम में सब कुछ समाया ,ओ बंदे तो बाहर क्या देखने गया,
की हरी नाम में सब कुछ समाया ,ओ बंदे तो बाहर क्या देखने गया,
Vandna thakur
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
VINOD CHAUHAN
#एक_सबक़-
#एक_सबक़-
*Author प्रणय प्रभात*
🙏 अज्ञानी की कलम🙏
🙏 अज्ञानी की कलम🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हवन
हवन
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
भाईदूज
भाईदूज
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
चाय का निमंत्रण
चाय का निमंत्रण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...