Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2017 · 1 min read

प्रजातंत्र

अब कौन का तंत्र हैं.
कहने को प्रजातंत्र है.
मौलिकता की खोज में.
वादो यादो की सोच में.
जरा ठहर अभी तो जागा हैं.
मुल्क मेरा क्यो अभागा है.
चोरी कर हुकमरान गाते हैं.
लाशो में सज जवान घर आते है.
शहादत की गरिमा का हुकमरान माखौला उड़ाते हैं….
अब कौन सा तंत्र हैं.
कहने को प्रजातंत्र हैं.
मिट्टी की बनावट कैसी हुई.
कश्मीर की आवाम क्यों मैली हुई.
क्यों देश विरोध की गाथा है.
क्यां पत्थरों की प्रजातंत्र में कोई मर्यादा है.
आतंकि की खेप सजाई हैं.
तेरे मस्तक पर चोट लगाई हैं.
अब कौन सा तंत्र है.
कहने को प्रजातंत्र हैं.

अवधेश कुमार राय “अवध”

Language: Hindi
888 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दान की महिमा
दान की महिमा
Dr. Mulla Adam Ali
😢सीधी-सीख😢
😢सीधी-सीख😢
*Author प्रणय प्रभात*
आलस्य का शिकार
आलस्य का शिकार
Paras Nath Jha
Go wherever, but only so far,
Go wherever, but only so far,"
पूर्वार्थ
// जनक छन्द //
// जनक छन्द //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*स्मृति: शिशुपाल मधुकर जी*
*स्मृति: शिशुपाल मधुकर जी*
Ravi Prakash
नारी
नारी
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
कहानी ( एक प्यार ऐसा भी )
कहानी ( एक प्यार ऐसा भी )
श्याम सिंह बिष्ट
तुम सत्य हो
तुम सत्य हो
Dr.Pratibha Prakash
3103.*पूर्णिका*
3103.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सिर्फ अपना उत्थान
सिर्फ अपना उत्थान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जल प्रदूषण पर कविता
जल प्रदूषण पर कविता
कवि अनिल कुमार पँचोली
अपनी कमी छुपाए कै,रहे पराया देख
अपनी कमी छुपाए कै,रहे पराया देख
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लिखें और लोगों से जुड़ना सीखें
लिखें और लोगों से जुड़ना सीखें
DrLakshman Jha Parimal
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
💐अज्ञात के प्रति-31💐
💐अज्ञात के प्रति-31💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
((((((  (धूप ठंढी मे मुझे बहुत पसंद है))))))))
(((((( (धूप ठंढी मे मुझे बहुत पसंद है))))))))
Rituraj shivem verma
"तलाश"
Dr. Kishan tandon kranti
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
कवि रमेशराज
ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए
ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए
Shivkumar Bilagrami
डरे गड़ेंता ऐंड़ाने (बुंदेली गीत)
डरे गड़ेंता ऐंड़ाने (बुंदेली गीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सफ़र
सफ़र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
प्रतिबद्ध मन
प्रतिबद्ध मन
लक्ष्मी सिंह
दोहा मुक्तक
दोहा मुक्तक
sushil sarna
Patience and determination, like a rock, is the key to their hearts' lock.
Patience and determination, like a rock, is the key to their hearts' lock.
Manisha Manjari
निर्मेष के दोहे
निर्मेष के दोहे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
Loading...