प्यार जिसने किया तड़पते हैं
2121 1212 22
राह कांटों की फिर भी चलते हैं
जिंदगी के सफर यूं कटते हैं
??
दिल के जज़्बात कब संभलते हैं
आइने की तरह —–बिखरते हैं
??
हो अगर जिंदगी —– में दर्दो ग़म
दिल के अरमान कब निकलते हैं
??
तारे गिन गिन —के रात जाती है
जख़्म सीने में —–जब उभरते हैं
??
याद दिल से —–तेरी लगा करके
रात भर ———करवटें बदलते हैं
??
कंकडो़ं से ——–नहीं उछालो तुम
आब झीलों में—– जो ये ठहरे हैं
??
तार दिल के —-हों जिनके टूटे तो
गीत उल्फ़त के —-कब वो गाते हैं
??
इश्क़ तो बनकर —गई कज़ा “प्रीतम”
प्यार जिसने किया ———- तड़पते हैं
??
प्रीतम राठौर
श्रावस्ती (उ०प्र०)