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15 Jan 2017 · 1 min read

प्यारी सी बेटियाँ

जीतने प्यार सब का जग उतर आती है यहाँ,
काम जुदा कोइ ऐसा बेटियाँ भरती है यहाँ।

मात पिता से कभी दुःख नहीं गाया है कभी,
दिलपर सह ले पर उफ कब करती है यहाँ।

अब सदा जीना उसे खुली हवा में यूँ जवाँ,
ये करो, ये ना करो ना वो सुनती है यहाँ।

कितने ही तोडकर अवरोध को है जी रही,
बनकर नयी धार गंगा सी बहेती है यहाँ।

घर कहाँ अपना पूरा उस ने जीया है यहाँ?
दूसरे घर बिछडे फिर सवाँरती है यहाँ।

लाख दुःखो को सदा सहकर न उफ़ तो ये करे,
देकर नया जन्म ददँ में भी हँसती है यहाँ।

-मनिषा जोबन देसाई

Language: Hindi
1 Like · 390 Views
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