Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2017 · 1 min read

पैसे की माया

पैसा कितना महत्वपूर्ण है
कैसे यह समझाऊँ
रिश्तों पे प्रभाव जो इसका
कैसे मैं दिखलाऊँ।
बिन पैसे ना कोई रिश्ता
मोल तेरा पहचाने,
गर पौकेट में है पैसा
अनमोल तुझे सब माने।
हर रिश्ते पर हुआ है भारी
पैसों का ये जमाना,
अपनो से तुम मान जो चाहो
भरते चलो खजाना।
पैसे का प्रभाव जगत में
आज सभी पर छाया,
इससे कोई परे नहीं
विचित्र है इसकी माया।
पिता – पूत्र के रिश्ते तक को
नहीं है इसने छोडा,
रक्त जनित रिश्तों में भी
इसने है विष घोला।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”

Language: Hindi
1 Like · 1130 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-428💐
💐प्रेम कौतुक-428💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सेवा
सेवा
ओंकार मिश्र
नवम दिवस सिद्धिधात्री,
नवम दिवस सिद्धिधात्री,
Neelam Sharma
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
gurudeenverma198
बेशक प्यार तुमसे था, है ,और शायद  हमेशा रहे।
बेशक प्यार तुमसे था, है ,और शायद हमेशा रहे।
Vishal babu (vishu)
मैं अपनी खूबसूरत दुनिया में
मैं अपनी खूबसूरत दुनिया में
ruby kumari
जिस प्रकार सूर्य पृथ्वी से इतना दूर होने के बावजूद भी उसे अप
जिस प्रकार सूर्य पृथ्वी से इतना दूर होने के बावजूद भी उसे अप
Sukoon
*फल (बाल कविता)*
*फल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Yashmehra
Yashmehra
Yash mehra
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
Kanchan Khanna
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
Shweta Soni
Little Things
Little Things
Dhriti Mishra
प्रभु श्री राम
प्रभु श्री राम
Mamta Singh Devaa
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
Shyam Sundar Subramanian
रूठे लफ़्ज़
रूठे लफ़्ज़
Alok Saxena
भांथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / मुसाफ़िर बैठा
भांथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
बुरा समय था
बुरा समय था
Swami Ganganiya
बेवफा
बेवफा
Neeraj Agarwal
गौतम बुद्ध है बड़े महान
गौतम बुद्ध है बड़े महान
Buddha Prakash
आज की प्रस्तुति: भाग 6
आज की प्रस्तुति: भाग 6
Rajeev Dutta
2268.
2268.
Dr.Khedu Bharti
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
डी. के. निवातिया
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
छलते हैं क्यों आजकल,
छलते हैं क्यों आजकल,
sushil sarna
मैत्री//
मैत्री//
Madhavi Srivastava
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...