Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2017 · 2 min read

पितृपक्ष पर विषेश

दिखावा
********
श्राद्ध पे करते कई दिखावा
मात पिता के मरने पर,
पानी तक को कभी ना पूछा
जिसने जिन्दा रहने पर।

कभी रुलाया माँ को उसने
कभी पिता को तड़पाया
दाने – दाने को तरसाया
बृद्धाश्रम तक पहुचाया,

भंडारे करता फिरता वह
खुद को दानी कहने पर,
पानी तक को कभी न पूछा
जिसने जिन्दा रहने पर।

नित्य पिता पे धौंस जमाता
माँ पर हाथ उठाता है
खुद को माने सर्व सामर्थी
उन्हें बेकार बताता है,

अपमानित करे हरदिन उनको
बीवी के बस कहने पर,
पानी तक को कभी न पूछा
जिसने जिन्दा रहने पर।

गर्भ में रखकर जिसने तुझको
अपने रक्त से सींचा है
उंगली पकड़कर जिसका तुमने
पग – पग चलना सीखा है,

आज चिल्लाता है तू केवल
उस माँ के कुछ कहने पर
पानी तक को कभी न पूछा
जिसने जिन्दा रहने पर।

ताप सहा संताप सहा
पिता ने विपत्त निधान सहा,
हर मुश्किल को अंगीकार कर
बच्चों का सौभाग्य रचा,

किन्तु उनको कष्ट हुआ
बच्चों के दुख में रहने पर
पानी तक को कभी न पूछा
जिसने जिन्दा रहने पर।

श्राद्ध करे महादान करे
करता बहुत दिखावा है
कवि देखता सोच रहा है
यह तो मात्र छलावा है,

पानी देता अंजुल भर – भर
पितृपक्ष में तर्पण पर,
पानी तक को कभी न पूछा
जिसने जिन्दा रहने पर।

मात पिता भगवान सरीखे
जीते जी दो उनको मान,
तभी तो तेरे बच्चे तुझको
जीवन भर देंगे सम्मान,

मात पिता से मुख ना मोड़ो
भला -बुरा कुछ कहने पर
पानी तक को कभी न पूछा
जिसने जिन्दा रहने पर।
******
✍✍पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार

Language: Hindi
372 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
गीतिका ******* आधार छंद - मंगलमाया
गीतिका ******* आधार छंद - मंगलमाया
Alka Gupta
सजावट की
सजावट की
sushil sarna
इस दरिया के पानी में जब मिला,
इस दरिया के पानी में जब मिला,
Sahil Ahmad
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
■ आज का शेर...।
■ आज का शेर...।
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन के आधार पिता
जीवन के आधार पिता
Kavita Chouhan
प्यारी तितली
प्यारी तितली
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
बाल कविता- कौन क्या बोला?
बाल कविता- कौन क्या बोला?
आर.एस. 'प्रीतम'
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
gurudeenverma198
आईना भी तो सच
आईना भी तो सच
Dr fauzia Naseem shad
बाल कविता: चिड़िया आयी
बाल कविता: चिड़िया आयी
Rajesh Kumar Arjun
शाखों के रूप सा हम बिखर जाएंगे
शाखों के रूप सा हम बिखर जाएंगे
कवि दीपक बवेजा
💐कई बार देखकर भी एक बार देखा💐
💐कई बार देखकर भी एक बार देखा💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक तेरे चले जाने से कितनी
एक तेरे चले जाने से कितनी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Music and Poetry
Music and Poetry
Shivkumar Bilagrami
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लाईक और कॉमेंट्स
लाईक और कॉमेंट्स
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दूर क्षितिज तक जाना है
दूर क्षितिज तक जाना है
Neerja Sharma
*सत्य  विजय  का पर्व मनाया*
*सत्य विजय का पर्व मनाया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
शिव प्रताप लोधी
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
कहाँ गया रोजगार...?
कहाँ गया रोजगार...?
मनोज कर्ण
*काँटा चाहिए साहिब 【मुक्तक】*
*काँटा चाहिए साहिब 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
प्यार के लिए संघर्ष
प्यार के लिए संघर्ष
Shekhar Chandra Mitra
कविता// घास के फूल
कविता// घास के फूल
Shiva Awasthi
रण प्रतापी
रण प्रतापी
Lokesh Singh
"ये कैसा दस्तूर?"
Dr. Kishan tandon kranti
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
Kanchan sarda Malu
ढोंगी बाबा
ढोंगी बाबा
Kanchan Khanna
Loading...