Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2017 · 1 min read

!!~ पान और गुटखा बन्द -शराब क्यूं नहीं ?~~!!

क्यूं ? नहीं लग जाता
पूर्णतया प्रतिबन्ध
अब
शराब के कारोबार पर भी
न तो बनेगी कभी
ना आएगी पीने से दुर्गन्ध ?

कब से कर रखा है
इस ने लगभग हर घर तंग
कोई पी के मारता बीवी को
कोई पी के करता सबको तंग ..

पीता है और लघुशंका को जाता है
या पी पी कर उधम मचाता है
खुद तो होता बर्बाद साथ ही
घर को भी बर्बाद कर चला जाता है ..

कब से है इन्तेजार कोई आये
और शराब को करे तडी पार
स्वच्छ रहे सारा समाज और
सब का घर बने सदा खुशहाल…

अब तो मौका है “योगी जी”
कर दो इस का भी बेड़ा पार
पूर्णतया बाँध के रख दो इसको
हर घर मुक्त हो जाए इससे
और सुना दो जल्दी से
शराब बंदी का भी समाचार …

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
357 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
सत्य कुमार प्रेमी
चन्द्र की सतह पर उतरा चन्द्रयान
चन्द्र की सतह पर उतरा चन्द्रयान
नूरफातिमा खातून नूरी
स्वांग कुली का
स्वांग कुली का
Er. Sanjay Shrivastava
कृषक
कृषक
Shaily
"सोच व स्वभाव की असली सूरत सदैव संयम के अनावृत्त
*Author प्रणय प्रभात*
कोशिश कर रहा हूँ मैं,
कोशिश कर रहा हूँ मैं,
Dr. Man Mohan Krishna
यह कब जान पाता है एक फूल,
यह कब जान पाता है एक फूल,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस
Bodhisatva kastooriya
मुक्तक
मुक्तक
Dr. Girish Chandra Agarwal
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
*कौन है ये अबोध बालक*
*कौन है ये अबोध बालक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐अज्ञात के प्रति-80💐
💐अज्ञात के प्रति-80💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सुबह की नमस्ते
सुबह की नमस्ते
Neeraj Agarwal
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रविवार की छुट्टी
रविवार की छुट्टी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
लहर आजादी की
लहर आजादी की
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
परिवर्तन
परिवर्तन
Paras Nath Jha
हौसले से जग जीतता रहा
हौसले से जग जीतता रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जिसने अपनी माँ को पूजा
जिसने अपनी माँ को पूजा
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
पंचचामर मुक्तक
पंचचामर मुक्तक
Neelam Sharma
"वो गुजरा जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
कमरछठ, हलषष्ठी
कमरछठ, हलषष्ठी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*साइकिल (बाल कविता)*
*साइकिल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
__________________
__________________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही शाम ए गम,
ओनिका सेतिया 'अनु '
उन वीर सपूतों को
उन वीर सपूतों को
gurudeenverma198
सादगी मशहूर है हमारी,
सादगी मशहूर है हमारी,
Vishal babu (vishu)
इंसानियत की
इंसानियत की
Dr fauzia Naseem shad
आंखें
आंखें
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
Harminder Kaur
Loading...