Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2017 · 1 min read

पागल

रात -दिन मेरे जीने की दुआ करती है
वो लड़की अपना फर्ज अदा करती है

आपसे ये किसने कहा कि मै शायर हूँ
मेरी माँ तो मुझे पागल कहा करती है

Language: Hindi
1 Like · 302 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"द्रौपदी का चीरहरण"
Ekta chitrangini
'व्यथित मानवता'
'व्यथित मानवता'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
* हो जाओ तैयार *
* हो जाओ तैयार *
surenderpal vaidya
बच कर रहता था मैं निगाहों से
बच कर रहता था मैं निगाहों से
Shakil Alam
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जो लिखा है
जो लिखा है
Dr fauzia Naseem shad
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
पूर्वार्थ
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कवि दीपक बवेजा
जाग री सखि
जाग री सखि
Arti Bhadauria
#गणपति_बप्पा_मोरया
#गणपति_बप्पा_मोरया
*Author प्रणय प्रभात*
"दुनिया को पहचानो"
Dr. Kishan tandon kranti
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
ट्यूशन उद्योग
ट्यूशन उद्योग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
सोच समझकर कीजिए,
सोच समझकर कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शाकाहारी बने
शाकाहारी बने
Sanjay ' शून्य'
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
Kuldeep mishra (KD)
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Anil chobisa
कैसे करें इन पर यकीन
कैसे करें इन पर यकीन
gurudeenverma198
बेख़बर
बेख़बर
Shyam Sundar Subramanian
माँ
माँ
ओंकार मिश्र
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
"वृद्धाश्रम"
Radhakishan R. Mundhra
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
अनिल कुमार
2878.*पूर्णिका*
2878.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक अर्सा हुआ है
एक अर्सा हुआ है
हिमांशु Kulshrestha
Loading...