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6 Feb 2017 · 1 min read

पर्यावरण से न कर खिलवाड़

हरा भरा रहे अगर वातावरण
तो क्या किसी का कुछ घटता है
वो पेड़ बेचारा तुम्हारी गंदगी लेकर
तुम को जीवन ही तो देता है !!

काट काट के पेड़ों को जला डाला सबने
इक जिन्दा हरियाली का हनन किया ऐसे
जब धुप हो जाये तो क्यूं भागते हैं लोग
उस पेड़ की छाया को ढूँढने जैसे !!

फूलों ने हसना सिखाया, तिनके ने जीना सिखाया
पक्षी का घर बना देने में , तिनके ने भी हाथ बढाया
न जाने कितनी दवा के काम आ गया यह सब कुछ
इंसान की जिन्दगी को आयुर्वेद ने भी तो है जीना सिखाया !!

क्या नहीं देते हैं यह पेड़ पोधे हमको
जीवन देकर जीना भी सिखा देते हैं हमको
मांगते न कुछ खास हम सब से ,फिर भी
फल, फूल, स्वच्छ वातावरण ही देते हम को !!

मत काटो इनको बस थोडा सा तरस खाओ
जैसे चलाते हो कुल्हाड़ी इस पर,एक बार खुद पर चलाओ
उस में भी बसती आत्मा, बस वो कुछ कहती ही तो नहीं
चुप रहकर तुम्हारे किये को सहती, फिर भी कुछ कहती नहीं !!

एक पौधा भी अगर लगा दिया तुमने, इस धरा के लिए
खुश हो जायगा सारा आसमान भी उस पौधे के लिए
कल को वो तुम्हारे ही तो काम आएगा, कभी सोचा है तुमने
“अजीत” जब चित्ता के अंदर संग इनके ही तो जलाया जायेगा !!

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
307 Views
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