Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2017 · 1 min read

समय-सुगति पहचान , यही है संसारी सच

सच बसंत ऋतु आ गई,कोंपल बनी प्रधान|
प्रिया होंठ मुस्कुराहट, छोड़ें, तज अवशान||
छोड़ें, तज अवशान,फूल पर भँवरा आया|
शुभ पुरवाई संग, शांतआँचल लहराया||
कह “नायक” कविराय,परिंदे नचें व्योम बिच|
समय-सुगति पहचान ,यही है संसारी सच||

बृजेश कुमार नायक
जागा हिंदुस्तान चाहिए एवं क्रौंच सुऋषि आलोक कृतियों के प्रणेता

छोड़ें=बंधन से निर्मुक्त करें
प्रिया=पत्नी

692 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
नारी का सम्मान 🙏
नारी का सम्मान 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
My life's situation
My life's situation
Sukoon
*सीढ़ी चढ़ती और उतरती(बाल कविता)*
*सीढ़ी चढ़ती और उतरती(बाल कविता)*
Ravi Prakash
'हिंदी'
'हिंदी'
पंकज कुमार कर्ण
एक बार नहीं, हर बार मैं
एक बार नहीं, हर बार मैं
gurudeenverma198
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"फर्क"-दोनों में है जीवन
Dr. Kishan tandon kranti
" मिट्टी के बर्तन "
Pushpraj Anant
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
Otteri Selvakumar
खिल उठेगा जब बसंत गीत गाने आयेंगे
खिल उठेगा जब बसंत गीत गाने आयेंगे
Er. Sanjay Shrivastava
जिस्मौ के बाजार में दिलजार करते हो
जिस्मौ के बाजार में दिलजार करते हो
कवि दीपक बवेजा
स्त्रियाँ
स्त्रियाँ
Shweta Soni
अदरक वाला स्वाद
अदरक वाला स्वाद
दुष्यन्त 'बाबा'
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
Rj Anand Prajapati
खंडकाव्य
खंडकाव्य
Suryakant Dwivedi
दीपावली
दीपावली
Deepali Kalra
जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और खासकर जब बुढ़ापा नजदीक
जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और खासकर जब बुढ़ापा नजदीक
Shashi kala vyas
...
...
Ravi Yadav
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
Neeraj Agarwal
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
अनिल कुमार
👍👍
👍👍
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-296💐
💐प्रेम कौतुक-296💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संसद के नए भवन से
संसद के नए भवन से
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Srishty Bansal
काट  रहे  सब  पेड़   नहीं  यह, सोच  रहे  परिणाम भयावह।
काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अंतरंग प्रेम
अंतरंग प्रेम
Paras Nath Jha
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
🏛️ *दालान* 🏛️
🏛️ *दालान* 🏛️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
Loading...