परिभाषित…..
विधवा शब्द का अर्थ क्या है….
माँग में सिंदूर और माथे
पर एक लाल बिंदिया
श्रृंगार को पूर्ण रूप से दर्शाती है
इनका होना ही
एक स्री होने का परिचायक है
यहाँ देह और आत्मा दोनों
एक जैसे दिखते हैं
वह देह जिसे उसने जिया
और आत्मा जिसे उसे पूजना है
एक विधवा नहीं समझना चाहती
कविता को
एेसा करना तोड़ देगा
उसका भ्रम
यह एक छोटी सी स्वतंत्रता होगी
जिसे वह पूरी तरह
जी नहीं पायेगी
जब अंधेरी गुफा में
उसकी उबड़-खाबड़ दीवार पर
लड़खड़ाने लगते हैं क,ख,ग
और घ भी ऊँघता नजर आता है
तो अचानक चमगादड़ और उल्लु
घूरने लगते हैं तीव्रता से उनको
तब वे स्वतः टूट टूट कर
गिरने लगते हैं
अब कोई पैशाचिक शक्ति
जागृत करती है उन्हें
अचानक एक झोंके में लेके
जा बैठती है बूढ़े बरगद पर
वहीं उनका एकांत निवास है
नीचे ठूंठ पर बैठता है
एक ओझा,बनाता
एक कालजयी रचना………..