Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2017 · 1 min read

* पति एकता जिंदाबाद *

रविवार का दिन था
पीड़ित-प्रताड़ित-पति
जुलूस के साथ नारे लगा
रहे थे …………..
पति एकता जिंदाबाद
पति एकता जिंदाबाद
इतने में पत्नियों का हुजूम
आया …….मै जोर जोर से
नारे लगा रहा था
पति एकता जिंदाबाद
जिन्दा……………..
पीछे देखा तो सभी
पति नदारद …..मै अकेला
पत्नी को देखा तो
सती-पति की याद आयी
बोलने लगा ……….
सती एकता जिंदाबाद-2
पत्नी शेर की तरह गुर्राई
और घर को चली गयी ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 546 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
आज का चयनित छंद
आज का चयनित छंद"रोला"अर्ध सम मात्रिक
rekha mohan
वर्षा रानी⛈️
वर्षा रानी⛈️
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
गुजरे वक्त के सबक से
गुजरे वक्त के सबक से
Dimpal Khari
आदमी इस दौर का हो गया अंधा …
आदमी इस दौर का हो गया अंधा …
shabina. Naaz
कर्मवीर भारत...
कर्मवीर भारत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन संध्या में
जीवन संध्या में
Shweta Soni
कितना रोका था ख़ुद को
कितना रोका था ख़ुद को
हिमांशु Kulshrestha
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
Harminder Kaur
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
yuvraj gautam
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
3) मैं किताब हूँ
3) मैं किताब हूँ
पूनम झा 'प्रथमा'
■सामान संहिता■
■सामान संहिता■
*Author प्रणय प्रभात*
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
"वर्तमान"
Dr. Kishan tandon kranti
ये दुनिया थोड़ी टेढ़ी है, तू भी बगल कटारी रख (हिंदी गजल/गीति
ये दुनिया थोड़ी टेढ़ी है, तू भी बगल कटारी रख (हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
एहसास दे मुझे
एहसास दे मुझे
Dr fauzia Naseem shad
अब नये साल में
अब नये साल में
डॉ. शिव लहरी
सम पर रहना
सम पर रहना
Punam Pande
“बदलते रिश्ते”
“बदलते रिश्ते”
पंकज कुमार कर्ण
💐प्रेम कौतुक-272💐
💐प्रेम कौतुक-272💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वो एक ही शख्स दिल से उतरता नहीं
वो एक ही शख्स दिल से उतरता नहीं
श्याम सिंह बिष्ट
"नवरात्रि पर्व"
Pushpraj Anant
कभी जब ग्रीष्म ऋतु में
कभी जब ग्रीष्म ऋतु में
Ranjana Verma
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
Sundeep Thakur
आजादी
आजादी
नूरफातिमा खातून नूरी
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
अनिल कुमार
नव कोंपलें स्फुटित हुई, पतझड़ के पश्चात
नव कोंपलें स्फुटित हुई, पतझड़ के पश्चात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"जून की शीतलता"
Dr Meenu Poonia
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
VINOD CHAUHAN
Loading...