Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Dec 2016 · 1 min read

पतझार में भी हमको मधुमास दे गया वो

पतझार में भी हमको मधुमास दे गया वो
बदलेंगे फिर ये मौसम आभास दे गया वो

अब आँख से हमारी बहते नहीं हैं आँसू
इस बार गम हमें यूँ कुछ ख़ास दे गया वो

वैसे तो प्यार देकर वो भर गया समन्दर
पर अनबुझी सी हमको इक प्यास दे गया वो

हमको किसी ख़ज़ाने से कम नहीं लगे हैं
जो प्यार के सुकोमल अहसास दे गया वो

अब इंतज़ार में ही जीवन गुज़ार देंगे
मिलने की ‘अर्चना’को इक आस दे गया वो

डॉ अर्चना गुप्ता

1 Like · 2 Comments · 467 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
#वंदन_अभिनंदन
#वंदन_अभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
रंगों  में   यूँ  प्रेम   को   ऐसे   डालो   यार ।
रंगों में यूँ प्रेम को ऐसे डालो यार ।
Vijay kumar Pandey
खत उसनें खोला भी नहीं
खत उसनें खोला भी नहीं
Sonu sugandh
2433.पूर्णिका
2433.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पीताम्बरी आभा
पीताम्बरी आभा
manisha
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
DrLakshman Jha Parimal
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
Swami Ganganiya
ख़ुद से ख़ुद को
ख़ुद से ख़ुद को
Akash Yadav
धृतराष्ट्र की आत्मा
धृतराष्ट्र की आत्मा
ओनिका सेतिया 'अनु '
कान खोलकर सुन लो
कान खोलकर सुन लो
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी जीने के लिए जिंदा होना जरूरी है।
जिंदगी जीने के लिए जिंदा होना जरूरी है।
Aniruddh Pandey
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
Aarti sirsat
गीत रीते वादों का .....
गीत रीते वादों का .....
sushil sarna
चार लाइनर विधा मुक्तक
चार लाइनर विधा मुक्तक
Mahender Singh
खामोश कर्म
खामोश कर्म
Sandeep Pande
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
Phool gufran
मच्छर दादा
मच्छर दादा
Dr Archana Gupta
*महामूरख की टोपी( हास्य कुंडलिया)*
*महामूरख की टोपी( हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"हालात"
Dr. Kishan tandon kranti
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
मरहटा छंद
मरहटा छंद
Subhash Singhai
💐प्रेम कौतुक-489💐
💐प्रेम कौतुक-489💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
पूर्वार्थ
यादों का सफ़र...
यादों का सफ़र...
Santosh Soni
Chhod aye hum wo galiya,
Chhod aye hum wo galiya,
Sakshi Tripathi
पहाड़ की सोच हम रखते हैं।
पहाड़ की सोच हम रखते हैं।
Neeraj Agarwal
जो ये समझते हैं कि, बेटियां बोझ है कन्धे का
जो ये समझते हैं कि, बेटियां बोझ है कन्धे का
Sandeep Kumar
मैं कवि हूं
मैं कवि हूं
Shyam Sundar Subramanian
वो जो तू सुन नहीं पाया, वो जो मैं कह नहीं पाई,
वो जो तू सुन नहीं पाया, वो जो मैं कह नहीं पाई,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
Loading...