==* न कर सकी तू वफ़ा *==
न कर सकी तू वफ़ा ऐ सनम
मुझे तुझसे कोई गिला भी नहीं
न कर सकी तू वफ़ा ……………
चाह क्या थी तेरी ऐ हमदम
कभी जुस्तजू तो की होती
हम तो थे राहो में खड़े हरदम
कोशिशें ढूंढने की की होती
न कर सकी तू वफ़ा ……………
ख्वाहिशें जो भी थी मेरे दिलमें
जो भी थी कहती थी मेरी आँखे
जी रही थी लेकर दर्द सिनेमें
मुझसे क्यों कह न सकीं तेरी आँखे
न कर सकी तू वफ़ा ……………
अब जो तू सामने नहीं है सनम
दिल यु मायूस हो जाता है
चाह ये है तुम मिलो अगले जनम
बिन तुम्हारे जिया न जाता है
न कर सकी तू वफ़ा ऐ सनम
मुझे तुझसे कोई गिला भी नहीं
न कर सकी तू वफ़ा ……………
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्रमणध्वनी – ९९७५९९५४५०