Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2017 · 1 min read

नेता हिंदुस्तानी

रीत नहीं छोड़ी है अपनी सुनो पुरानी
अब भी करते रहते है वोटों की खींचातानी
नेता हिंदुस्तानी

एक तरफ जिन पर बैठे आरोप लगायें
उनसे ही आगे बढ़कर ये हाथ मिलायें
यहाँ जीतने को अपना ईमान भुलायें
उस थाली में छेद करें जिसमें खुद खाएं
कुर्सी आते ही हाथों में करते हैं मनमानी
नेता हिंदुस्तानी

मतदाता से मीठी मीठी बातें करते
भाषण में पर अपभाषा से कहीं न डरते
अच्छा लगता इनको कर निंदा रस पीना
घोटाले करके भी रखते चौड़ा सीना
बड़े बड़े अफसर से भी भरवा लेते हैं पानी
नेता हिंदुस्तानी

रिश्तों को भी राजनीति ये खूब खिलाते
खानदान की ताकत को भी खूब भुनाते
लगने लगता है चुनाव जैसे हो दंगल
पाने को बस जीत बदलते रहते ये दल
महलों में रहते जैसे रहते हैं राजा जानी
नेता हिंदुस्तानी

सरकारी ये बाँट खज़ाना खूब लुटायें
और इन्हें उपलब्धि भी अपनी गिनवायें
शुरू योजनाएं भी बड़ी बड़ी ये करके
सात पीढ़ियों को अपनी धनवान बनायें
झूठे ट्रस्ट बनाकर फिर बन जाते देखो दानी
नेता हिंदुस्तानी

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 770 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
केना  बुझब  मित्र आहाँ केँ कहियो नहिं गप्प केलहूँ !
केना बुझब मित्र आहाँ केँ कहियो नहिं गप्प केलहूँ !
DrLakshman Jha Parimal
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
Umender kumar
* अपना निलय मयखाना हुआ *
* अपना निलय मयखाना हुआ *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मित्रता-दिवस
मित्रता-दिवस
Kanchan Khanna
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तू है तो फिर क्या कमी है
तू है तो फिर क्या कमी है
Surinder blackpen
मेरी कविताएं
मेरी कविताएं
Satish Srijan
नेतागिरी करने लगा है, जज तुम्हारा फैसला (हिंदी गजल/ गीतिका)
नेतागिरी करने लगा है, जज तुम्हारा फैसला (हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
सत्य कुमार प्रेमी
--> पुण्य भूमि भारत <--
--> पुण्य भूमि भारत <--
Ms.Ankit Halke jha
"शब्द"
Dr. Kishan tandon kranti
अंबेडकर जयंती
अंबेडकर जयंती
Shekhar Chandra Mitra
मेरा दुश्मन मेरा मन
मेरा दुश्मन मेरा मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हर गम छुपा लेते है।
हर गम छुपा लेते है।
Taj Mohammad
Ek abodh balak
Ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
छोड़ दूं क्या.....
छोड़ दूं क्या.....
Ravi Ghayal
मौसम नहीं बदलते हैं मन बदलना पड़ता है
मौसम नहीं बदलते हैं मन बदलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
आंख में बेबस आंसू
आंख में बेबस आंसू
Dr. Rajeev Jain
🌹मंजिल की राह दिखा देते 🌹
🌹मंजिल की राह दिखा देते 🌹
Dr.Khedu Bharti
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
Ajad Mandori
हर सांझ तुम्हारे आने की आहट सुना करता था
हर सांझ तुम्हारे आने की आहट सुना करता था
Er. Sanjay Shrivastava
बचपन में थे सवा शेर
बचपन में थे सवा शेर
VINOD CHAUHAN
शायर जानता है
शायर जानता है
Nanki Patre
💐अज्ञात के प्रति-101💐
💐अज्ञात के प्रति-101💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संघर्ष से‌ लड़ती
संघर्ष से‌ लड़ती
Arti Bhadauria
" मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ "
Aarti sirsat
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मगरूर क्यों हैं
मगरूर क्यों हैं
Mamta Rani
#आज_की_विनती
#आज_की_विनती
*Author प्रणय प्रभात*
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
लक्ष्मी सिंह
Loading...