Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jul 2017 · 1 min read

नीम की छाँव मे

नीम की छाव मे प्यारे से गाँव मे आना मेरे बाबूजी
तपती दोपहरी मे,दाऊ की कचहरी आना मेरे बाबूजी

खेतो खलियानो मे,गलियां गलिहारो मे आना मेरे बाबूजी
टूटी अटरिया मे ढ़बूआ टपरिया मे आना मेरे बाबूजी

कुआ के पाट पे नदिया के घाट पे आना मेरे बाबूजी
कृष्णा के आगन मे माँ जी आचल मे आना मेरे बाबूजी

Language: Hindi
6 Likes · 494 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*साथ निभाना साथिया*
*साथ निभाना साथिया*
Harminder Kaur
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
Vishal babu (vishu)
💐प्रेम कौतुक-437💐
💐प्रेम कौतुक-437💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*जिंदगी-भर फिर न यह, अनमोल पूँजी पाएँगे【 गीतिका】*
*जिंदगी-भर फिर न यह, अनमोल पूँजी पाएँगे【 गीतिका】*
Ravi Prakash
धर्मनिरपेक्ष मूल्य
धर्मनिरपेक्ष मूल्य
Shekhar Chandra Mitra
आपको देखते ही मेरे निगाहें आप पर आके थम जाते हैं
आपको देखते ही मेरे निगाहें आप पर आके थम जाते हैं
Sukoon
"मुक्तिपथ"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
Phool gufran
Started day with the voice of nature
Started day with the voice of nature
Ankita Patel
ज़िंदगी की अहमियत
ज़िंदगी की अहमियत
Dr fauzia Naseem shad
"दहलीज"
Ekta chitrangini
मात्र क्षणिक आनन्द को,
मात्र क्षणिक आनन्द को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
3251.*पूर्णिका*
3251.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नया युग
नया युग
Anil chobisa
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ग़ज़ल/नज़्म - शाम का ये आसमांँ आज कुछ धुंधलाया है
ग़ज़ल/नज़्म - शाम का ये आसमांँ आज कुछ धुंधलाया है
अनिल कुमार
#सामयिक ग़ज़ल
#सामयिक ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
Keshav kishor Kumar
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
🎊🎉चलो आज पतंग उड़ाने
🎊🎉चलो आज पतंग उड़ाने
Shashi kala vyas
चौथ का चांद
चौथ का चांद
Dr. Seema Varma
निलय निकास का नियम अडिग है
निलय निकास का नियम अडिग है
Atul "Krishn"
★आईने में वो शख्स★
★आईने में वो शख्स★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
कड़वा सच~
कड़वा सच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
डी. के. निवातिया
ये मेरा स्वयं का विवेक है
ये मेरा स्वयं का विवेक है
शेखर सिंह
छन्द- सम वर्णिक छन्द
छन्द- सम वर्णिक छन्द " कीर्ति "
rekha mohan
abhinandan
abhinandan
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...