Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2017 · 1 min read

निर्भया

यह कविता दुभग्यपूर्ण निर्भया प्रकरण के बाद लिखी गयी ..

नारी तू तोह भारत का मान है सम्मान है
फिर क्यों हो रहा  आज इस देश मे तेरा आपमान है
संस्कार जिन पर हमें कभी गर्व था मान था
जो हमारे लिए सबसे बड़ा अताम्सम्मान था
क्यों हो गया उन्ही संस्कारो मूल्यों का हनन है
आज समाज मे येही करना चिंतन मनन है
ना  जाने कहाँ विलुप्त हुई ऋषि मुनियों की शिक्षा है
जो देनी पड़ रही नारी आज तुझे अग्निपरीक्षा है ।।

लेकिन नारी तुझे भी अपनी  सोई शक्ति को जागना होगा
कोई ना कर सके अत्याचार ऐसा अपने को  बनाना होगा 
तू  क्यो घबराय तेरी वीरगाथाओं को लम्बी सूचीै
तेरे होंसलो की उड़ान तोह कल्पना से भी ऊंची 
चावला (कल्पना) कोचर (चंदा)  उषा  जैसी  अनगिनत अदभुत नारी
एक एक नारी है हाज़रो  लाखों आत्याचारियोंं पे भारी 
तुझे किसका डर तू तोह है झाँसी की रानी
इतिहास कहे अंगिनत वीरांगनाओ की कहानी
उठ खड़ी हो तुझे तोह बहुत कुछ करना ह
माँ भारती की सेवा करने दुनिया से लड़ना है

आज हम सबके दिल में है एक ही आरमान 
तुझे लौटना है तेरा खोया हुआ आताम्सम्मान 
अब हम प्रण ले की तेरा सम्मान वापिस आएगा
बहुत हो चूका गलत अब और सहा नहीं जाएगा
चल चुकी है जों लहर उसको अब नहीं रुकने  देंगे
तेरा शीश अब हम कभी नहीं झुकने देंगे कभी नहीं झुकने देंगे ।।
                   – विवेक कपूर

Language: Hindi
546 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
परिणय प्रनय
परिणय प्रनय
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
सब कुछ खत्म नहीं होता
सब कुछ खत्म नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
Jitendra kumar
तेरा सहारा
तेरा सहारा
Er. Sanjay Shrivastava
खंड 8
खंड 8
Rambali Mishra
बेरहमी
बेरहमी
Dr. Kishan tandon kranti
बेशक खताये बहुत है
बेशक खताये बहुत है
shabina. Naaz
एक किताब खोलो
एक किताब खोलो
Dheerja Sharma
जितना अता किया रब,
जितना अता किया रब,
Satish Srijan
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
Vivek Mishra
कुछ इनायतें ख़ुदा की, कुछ उनकी दुआएं हैं,
कुछ इनायतें ख़ुदा की, कुछ उनकी दुआएं हैं,
Nidhi Kumar
आज का रावण
आज का रावण
Sanjay ' शून्य'
जय श्री राम
जय श्री राम
Neha
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
Rj Anand Prajapati
23/36.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/36.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
Shweta Soni
किसे फर्क पड़ता है
किसे फर्क पड़ता है
Sangeeta Beniwal
नींद
नींद
Kanchan Khanna
Tum har  wakt hua krte the kbhi,
Tum har wakt hua krte the kbhi,
Sakshi Tripathi
सीखो दूध उबालना, बड़े धैर्य का काम (कुंडलिया)
सीखो दूध उबालना, बड़े धैर्य का काम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
रुसवा दिल
रुसवा दिल
Akash Yadav
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
आओ एक गीत लिखते है।
आओ एक गीत लिखते है।
PRATIK JANGID
"आँखों में लाल-लाल,
*Author प्रणय प्रभात*
"Awakening by the Seashore"
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-320💐
💐प्रेम कौतुक-320💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
जीवन सुंदर गात
जीवन सुंदर गात
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
रिशतों का उचित मुल्य 🌹🌹❤️🙏❤️
रिशतों का उचित मुल्य 🌹🌹❤️🙏❤️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ऐसी थी बेख़्याली
ऐसी थी बेख़्याली
Dr fauzia Naseem shad
Loading...